देश की 15 विपक्षी पार्टियों ने बिहार की राजधानी पटना में बैठक की| विपक्षी दलों ने इस बैठक को गठबंधन बताया है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी दल एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं| इसके लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर ये सभी पार्टियां एक साथ आईं|
इस बैठक की अब भारतीय जनता पार्टी और एनडीए द्वारा आलोचना की जा रही है| इस मुलाकात को लेकर महाराष्ट्र भाजपा और शिवसेना के शिंदे गुट के नेताओं ने ठाकरे गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है| मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कुछ समय पहले मीडिया से बात करते हुए उद्धव ठाकरे की आलोचना की थी|
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, जिन लोगों ने राम मंदिर का विरोध किया, जिन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले का विरोध किया, जिन्होंने बालासाहेब ठाकरे के विचारों का विरोध किया, आप (उद्धव ठाकरे) कल उनके साथ जाकर बैठे। क्या आपने उनके साथ गठबंधन किया? इसीलिए पटना की इस बैठक के बाद हम आश्वस्त हुए हैं कि एक साल पहले हमने जो निर्णय लिया था, वह सही था|
एकनाथ शिंदे ने कहा, ”उद्धवजी हर वक्त भाजपा पर आरोप लगाते रहते हैं| महबूबा कहती थीं कि उन्होंने मुफ़्ती के साथ सरकार बनाई| तो आपने कल क्या किया? आप मुफ्ती के साथ बैठे, बातचीत की| कल आप चारा घोटाले के आरोपी लालू प्रसाद यादव के साथ बैठे थे| अब ये लोग मुंबई नगर निगम में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे हैं, लेकिन आप किस मुंह से यह आंदोलन करने जा रहे हैं| हमें इन भ्रष्ट अधिकारियों के साथ आपकी बातचीत देखने को मिली।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, ये 15 पार्टियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकजुट हुईं, लेकिन इन सभी ने अपना आत्मविश्वास खो दिया है|’ सभी के चेहरे पर उदासी साफ झलक रही थी,लेकिन इन लोगों का मोदी के खिलाफ एक साथ आना मोदी की जीत है| ये मोदी की जीत और हार है| कितने भी गठबंधन हुए, कितनी भी विपक्षी पार्टियां एक साथ आईं, कितने भी आरोप लगे, जनता ने किसी को भी 40 से ज्यादा सांसद नहीं दिए। उनके पास इतने सांसद भी नहीं हैं कि उन्हें विपक्ष का नेता बनाया जा सके|
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