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Monday, November 25, 2024
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इसमें उद्धव ठाकरे की भूमिका है, जबकि राणे की भूमिका भाजपा विधायक की है?

शिवसेना विधायक की अयोग्यता के संबंध में निर्णय लेने का पूरा अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक फैसला लेना है और सुनवाई चल रही है, अध्यक्ष कानून के मुताबिक फैसला लेंगे|

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राज्य में 25 साल बाद शिवसेना और भाजपा का गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया गया| देवेन्द्र फडणवीस ने आरोप लगाया था कि ये गठबंधन भारतीय जनता पार्टी की वजह से नहीं बल्कि उद्धव ठाकरे की वजह से टूटा है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एनडीए की बैठक में यही बात कही है| तो हम जो कह रहे थे वो सीलबंद है| भाजपा विधायक प्रवीण दरेकर ने कहा कि अब यह साबित हो गया है कि गठबंधन तोड़ने में उद्धव ठाकरे की भूमिका थी|
शिवसेना विधायक की अयोग्यता के संबंध में निर्णय लेने का पूरा अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक फैसला लेना है और सुनवाई चल रही है, अध्यक्ष कानून के मुताबिक फैसला लेंगे|
मंत्री पद से कोई संबंध नहीं: विधायक बच्चू कडू के आंदोलन का मंत्री पद से कोई संबंध नहीं है|  कई मुद्दों पर विरोध हो रहा है|100 या 288 विधायक मंत्री बनना चाह सकते हैं, लेकिन कानून के मुताबिक उतने ही मंत्री बनाये जा सकते हैं| उन्होंने कहा कि इस पर तीनों दल बैठकर फैसला लेंगे।
औकात का मराठी मतलब: मंत्री नारायण राणे ने लोकसभा में सांसद अरविंद सावंत की औकात हटा दी| उन्होंने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा| अगर कोई प्रधानमंत्री मोदी से बात करता है तो यह किसी भी भाजपा नेता को बर्दाश्त नहीं है| मराठी में औकात का मतलब होता है क्षमता, अगर नरेंद्र मोदी के बराबर का आदमी आलोचना करता है तो राणे ने इस अर्थ में बात कही कि औकात का स्तर आप में नहीं है, लेकिन, विरोधी कुछ भी आरोप लगाना चाहते |
क्या उदयनराजे ने बदली है अपनी भूमिका: ऐसा नहीं लगता कि उदयनराजे ने अपनी भूमिका बदली है। क्योंकि वह जिस पार्टी से होते हैं, उसी के अनुरूप काम करते हैं। हर पार्टी की विचारधारा के अनुरूप कार्य कर रहे हैं| अगर हर नेता की क्लिप निकाल दी जाए तो भी यह नहीं कहा जा सकता कि कोई नेता नहीं है| उन्होंने कहा, हो सकता है कि उन्होंने तब पार्टी की नीति के अनुसार रुख अपनाया हो लेकिन अब वे हमारा समर्थन कर रहे हैं क्योंकि वे हमारे साथ हैं।
 
मौत कैसे हुई, यह जांच का हिस्सा : प्रो. हरि नारके के निधन से महाराष्ट्र में एक विद्वान साहित्यकार का निधन हो गया है। इससे साहित्य जगत को नुकसान हुआ है| उन्होंने यह भी संदेह जताया कि साहित्य में उनका योगदान महान है, लेकिन उनकी मौत कैसे हुई यह जांच का हिस्सा है|
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