दो महीने पहले महाराष्ट्र में औरंगजेब के पोस्टर और सोशल मीडिया स्टेटस को लेकर कई जगहों पर दंगे हुए थे| इन दंगों के मुद्दे पर विधानमंडल के सत्र में भी चर्चा हुई| अंतिम सप्ताह के प्रस्ताव पर बोलते हुए उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने यह टिप्पणी की। देवेन्द्र फडणवीस ने कहा, ”यह राज्य को अस्थिर करने का प्रयास था। लेकिन, अगर कोई औरंगजेब का महिमामंडन करना चाहता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।’
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ”अचानक एक ही समय में राज्य के विभिन्न जिलों में औरंगजेब के पोस्टर, जुलूस और स्टेटस के मामले सामने आए| ये कोई संयोग नहीं बल्कि एक प्रयोग था| औरंगजेब आज तक कभी भी भारतीय मुसलमानों का नायक नहीं था। यह कभी नहीं होगा। औरंगजेब एक आक्रांता था| इस देश के नायक छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज हैं। ए.पी.जे.अब्दुल कलाम देश के हीरो बन सकते हैं,लेकिन, औरंगजेब कभी नहीं|
देवेन्द्र फड़नवीस ने कहा, ”औरंगजेब तुर्क मंगोल वंश का था। भारत और पाकिस्तान में तुर्क मंगोल मूल के लगभग पांच लाख लोग हैं। इसलिए अब उनके वंशज भी भारत में नहीं हैं| प्रदेश में उनके नाम पर हुए दंगों के पीछे कौन है? इस बात पर कुछ हद तक गौर किया गया है| कुछ को गिरफ्तार कर लिया गया है| किसी भी परिस्थिति में धर्म एवं जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। लेकिन हम किसी को औरंगजेब का महिमामंडन नहीं करने देंगे।”
देवेन्द्र फडणवीस के इस बयान पर अब वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने प्रतिक्रिया दी है। कुछ समय पहले उन्होंने कहा, यही कानून का राज है| अगर वे कहते हैं कि किसी को कब्र पर नहीं जाना चाहिए, किसी को मजार पर नहीं जाना चाहिए या किसी संत की समाधि पर नहीं जाना चाहिए, तो इसे कानून बना दें। फिर लोग वहां नहीं जायेंगे| आप यह क्यों कहते हैं कि आप कानून नहीं बनाते?
प्रकाश अम्बेडकर ने कहा, या तो कानून का शासन है या अराजकता का शासन है। दोनों में से एक बताओ? हम कानून के शासन में विश्वास करते हैं| तो चूँकि ऐसा कोई कानून नहीं है (कब्रों या कब्रों पर न जाने का कानून) तो हम किसी की भी कब्र पर जायेंगे। औरंगजेब फडणवीस के लिए आदर्श नहीं हो सकते, लेकिन, देश के साथ ऐसा होता है! आप यह क्यों भूल रहे हैं? देवेन्द्र फड़नवीस या आरएसएस कोई देश नहीं हैं|
यह भी पढ़ें-
SC ने राहुल गांधी की सजा निलंबित की, संजय राउत की पहली प्रतिक्रिया; कहा, ”2024 में…”!