राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार और अजित पवार के बीच पार्टी चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है। अजित पवार गुट को घड़ी चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया| इस मामले में अभी सुनवाई पूरी नहीं हुई है|
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले घड़ी के निशान का इस्तेमाल करते हुए यह सूचित करने का निर्देश दिया था कि मामला अदालत में विचाराधीन है|अब चुनाव आयोग ने अजित पवार ग्रुप की ओर से टीवी पर दिखाए गए वीडियो विज्ञापन पर आपत्ति जताई है|
महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव कार्यालय ने ‘अब घड़ी का बटन दबाएंगे, सबको बताएंगे’ वाले विज्ञापन को खारिज कर दिया है| एनसीपी ने चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार राज्य स्तरीय प्रमाणन समिति के समक्ष चुनाव प्रचार के लिए अपने टीवी विज्ञापन के पूर्व-प्रमाणन के लिए आवेदन किया था।
हालांकि, राज्य के मुख्य कार्यकारी ने वीडियो विज्ञापन के एक खंड पर आपत्ति जताई है, जिसमें एक पत्नी मजाक में अपने पति से कहती है, “अब आप भी एनसीपी को वोट दें नहीं तो मैं आपको आज रात खाना नहीं दूंगी।”
चुनाव आयोग का कहना है कि किसी खास पार्टी को वोट न देने पर कोई किसी को खाना देने से इनकार नहीं कर सकता| चुनाव निकाय ने पाया है कि विज्ञापन में बातचीत “एक पत्नी से एक पति के लिए खतरा” है और उसने पार्टी को विज्ञापन प्रसारित करने के लिए एपिसोड को हटाने का निर्देश दिया है।
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