मंत्रिमंडल विस्तार और विभागों के बंटवारे के बाद सरकार में महत्वपूर्ण विभाग जो आम जनता से जुड़े हैं या मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं, उन्हें भाजपा और एनसीपी को आवंटित कर दिया गया है| इसकी तुलना में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गुट कमजोर हो गया है| आगामी विस्तार के बाद शिंदे समूह के दावेदारों के हिस्से के लिए ज्यादा खाते नहीं बचे हैं। सरकार में राजस्व, आवास, कृषि, सहकारी समितियां, जल संसाधन, जल आपूर्ति, सार्वजनिक कार्य, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य आदि जैसे खाते महत्वपूर्ण हैं जो मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं। शहरी क्षेत्र में नगर विकास विभाग का प्रभाव हो सकता है|इनमें से अधिकतर विभाग भाजपा और एनसीपी मंत्रियों के पास गए हैं|
कृषि खाता, जो ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी के विकास के लिए उपयोगी था, शिंदे समूह से छीन लिया गया। वित्त और योजना, सहयोग, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, कृषि, महिला और बाल कल्याण, राहत और पुनर्वास, चिकित्सा शिक्षा, विशेष सहायता, खेल और युवा कल्याण मंत्रिमंडल में नए शामिल हुए एनसीपी के महत्वपूर्ण विभाग हैं। उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा था कि ‘शिवसेना के शिंदे गुट के साथ हमारा गठबंधन भावनात्मक है, जबकि एनसीपी के साथ यह राजनीतिक दोस्ती है।’ लेकिन भाजपा ने एनसीपी को हरी झंडी दे दी है, जो पुरानी नहीं बल्कि नई दोस्त है| शिंदे समूह के पास अब शहरी विकास, उद्योग, स्कूली शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, सामाजिक न्याय, पर्यावरण, सड़क विकास का लेखा-जोखा है।
कुछ खाते एनसीपी के लिए छोड़ने की भाजपा की योजना शिंदे गुट को स्वीकार्य नहीं थी। इसके कारण पिछले 13 दिनों से कैबिनेट का लेखा आवंटन रुका हुआ था| कृषि, राहत और पुनर्वास और खाद्य और औषधि प्रशासन के तीन विभाग एनसीपी के लिए शिंदे गुट के पास छोड़ दिए गए। कृषि के साथ-साथ राकांपा की नजर सड़क विकास, सामाजिक न्याय या परिवहन विभाग पर भी थी,लेकिन विधायकों की जिद के बाद शिंदे ने अहम खाते छोड़ने से इनकार कर दिया|
शिंदे गुट के कुछ विधायक मंत्री पद के लिए जोर आजमाइश करने को तैयार हैं, लेकिन वे एक्सटेंशन ही टलने से असहज हैं| मुख्यमंत्री शिंदे अब शहरी विकास, सामान्य प्रशासन, परिवहन, सामाजिक न्याय, पर्यावरण, खनन, सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना और जनसंपर्क के प्रभारी हैं। सड़क विकास शिंदे का पसंदीदा अकाउंट है| यह अकाउंट उन्होंने 2014 से अपने पास रखा था| पार्टी के भीतर असंतोष और विधायकों की महत्वाकांक्षाओं को देखते हुए शिंदे ने सड़क विकास विभाग दादा भुसे को सौंप दिया है। मंत्रिमंडल में नए शामिल हुए शिंदे गुट के विधायकों के लिए परिवहन, सामाजिक न्याय, पर्यावरण और खनन विभाग ही बचे हैं|
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