राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा एक निजी चैनल को दिए गए इंटरव्यू का ब्यौरा राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है| इस इंटरव्यू में देवेंद्र फडणवीस ने 2019 में अजित पवार के साथ ली गई शपथ से लेकर एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद और अगले साल होने वाले चुनाव में गठबंधन का चेहरा बनाने तक सभी मुद्दों पर टिप्पणी की है| मुख्यमंत्री पद को लेकर फडणवीस के रुख से राज्य में एक नई चर्चा छिड़ गई है|
क्या कहा फडणवीस ने?: इस इंटरव्यू में बोलते हुए देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि वह अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ेंगे। हालांकि, इस बार चुनाव के बाद एकनाथ शिंदे गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे? इस पर कोई स्पष्ट रुख अपनाए बिना उन्होंने पार्टी के वरिष्ठों पर उंगली उठाई. तो फिर बीजेपी में क्या चल रहा है? इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई है|
“अगर हमारी पार्टी को चुनाव के बाद कोई अन्य निर्णय लेने की आवश्यकता होगी, तो पार्टी वह निर्णय लेगी। लेकिन मुझे नहीं लगता कि कोई और फैसला लेने की जरूरत है|‘ कौन होगा मुख्यमंत्री, भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से पूछा जाना चाहिए| भाजपा में सारे फैसले संसदीय समिति लेती है| इस संबंध में मुझे कुछ भी कहने का अधिकार भी नहीं है”, एक चैनल को दिए इंटरव्यू में देवेंद्र फडणवीस ने कहा।
शिंदे गुट की असल में भूमिका क्या है?: इस बीच, इससे यह साफ हो गया है कि अगले मुख्यमंत्री के तौर पर एकनाथ शिंदे के नाम पर भी मुहर नहीं लगी है| इस पृष्ठभूमि में शिंदे समूह की वास्तव में क्या भूमिका है? राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर उत्सुकता बनी हुई है| शिंदे ग्रुप के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने मीडिया से बात करते हुए इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है|
उन्होंने कहा, ”दोनों को तय करना है कि मुख्यमंत्री कौन होगा| इससे पहले देवेन्द्र फडणवीस ने साफ किया था कि हम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में गठबंधन के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। अगर चुनाव के बाद कोई बदलाव होता है तो इसका फैसला उन दोनों और वरिष्ठ नेताओं को करना चाहिए. लेकिन आज, दोनों दलों के बीच जो तय हुआ है और जैसा कि खुद देवेंद्र फड़नवीस ने घोषणा की है, गठबंधन एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ेगा।” दीपक केसरकर ने कहा है कि शिंदे गुट चुनाव बाद बदलाव के लिए तैयार है|
हमारा रुख लचीला है-दीपक केसरकर: “कुछ समझौते हो सकते हैं। कभी तुम रहोगे, कभी हम रहेंगे वगैरह-वगैरह। दीपक केसरकर ने यह भी कहा कि इस पर हमारा रुख लचीला है|
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