अगर शोध और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाएं समाज की जरूरतों के अनुरूप प्रगति और विकास में उपयोगी नहीं हैं, तो लोग पूछते हैं कि आपको छठा वेतन आयोग, सातवां वेतन आयोग क्यों चाहिए। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को यहां आलोचना की कि राज्य के अधिकांश प्रोफेसर अनुसंधान और शिक्षण की तुलना में विश्वविद्यालय अध्ययन बोर्ड और अकादमिक परिषद चुनावों में अधिक व्यस्त हैं।
वह यहां सरकारी विदर्भ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के शताब्दी महोत्सव के समापन समारोह में बोल रहे थे। राज्यसभा सदस्य डाॅ. अनिल बोंडे, विधान परिषद सदस्य प्रवीण पोटे, पूर्व विधायक प्रो. बीटी देशमुख, संस्थान के निदेशक डाॅ. अंजलि देशमुख, जिला मजिस्ट्रेट सौरभ कटियार और अन्य उपस्थित थे।
गडकरी ने कहा, हम शिक्षकों के वेतन के खिलाफ नहीं हैं, क्योंकि हम इसे कम नहीं कर सकते| वित्तीय लेखापरीक्षा महत्वपूर्ण है, लेकिन प्रदर्शन मूल्यांकन वित्तीय लेखा परीक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है। प्रोफेसरों को आत्मपरीक्षण कर अपना मूल्यांकन करना चाहिए। यदि भविष्य की आवश्यकता को पहचानते हुए दुनिया की सर्वोत्तम तकनीक का उपयोग करके स्थानीय स्तर पर सतत विकास हो रहा हो तो शिक्षा उपयोगी है। अगर ऐसा नहीं होता तो लोग पूछते हैं कि हम इतनी सैलरी क्यों खर्च करते हैं| भारत में शोध भी हो रहा है, लेकिन उसका उपयोग समाज के लिए होना चाहिए।
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