शिकायतों के बाद एक्शन में महाराष्ट्र सरकार, बांगलादेशीयों के दस्तावेजों की जांच के लिए SIT गठित

शिकायतों के बाद एक्शन में महाराष्ट्र सरकार, बांगलादेशीयों के दस्तावेजों की जांच के लिए SIT गठित

Maharashtra government in action after complaints, SIT formed to investigate the documents of Bangladeshis

महाराष्ट्र में कई जगहों पर देर से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनाने की शिकायतें सामने आरही है। इन शिकायतों के चलते महाराष्ट्र सरकार ने देर से दर्ज किए जाने वाले जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र वितरण की कार्यवाही पर आगामी आदेश तक रोक लगाया है।

जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों पर लगातार आती शिकायतों पर जांच के लिए प्रदेश के गृह विभाग ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) घोषित की है। प्रदेश में भारत सरकार के राजपत्र के जरिए जन्म-मृत्यु कानून, 1969 में संशोधन करके विलंबित जन्म और मृत्यु पंजीयन के अधिकार जिलाधिकारी/उपविभागीय अधिकारी को प्रदान किए है। अर्थात देरी से लिए जाने वाले जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जिलाधिकारी या उपविभागीय अधिकारी की जांच के बिना नहीं मिलेंगे।

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रोहिंग्या, बांग्लादेशी घुसपैठों पर महाराष्ट्र में सियासत गरमाई !

सैफ अली खान पर हुए हमले के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता किरीट सोमैया ने बांग्लादेशी मुद्दे को और भी आक्रामकता के साथ उठाया है। ठाणे के लेबर कैंप में जाकर किरीट सोमैय्या ने दावा किया था की यहां 12 में से 9 बांग्लादेशी थे, वे सभी बिना दस्तावेजों के साथ रह रहे थे। साथ ही बुधवार (22 जनवरी) को किरीट सोमैय्या ने दावा किया है की महाराष्ट्र के अकोला में 15,448 बांग्लादेशी घुसपैठों को जन्म प्रमाणपत्र दिए गए है। बता दें की, महाराष्ट्र सरकार को विलंबित जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र वितरण के संबंध में सरकार के पास बड़े पैमाने पर शिकायतें प्राप्त हुई हैं।

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