मानसून सत्र: त्र्यंबकेश्वर मामले में देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट की भूमिका!

विधान परिषद में एनसीपी विधायक शशिकांत शिंदे ने त्र्यंबकेश्वर मंदिर में हुई घटना का मुद्दा उठाया​|​ साथ ही इस मसले पर नियुक्त एसआईटी की रिपोर्ट कब मिलेगी? इस संबंध में एक प्रश्न उठाया गया था​|​ इस पर बोलते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में जांच की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी​|​

मानसून सत्र: त्र्यंबकेश्वर मामले में देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट की भूमिका!

Monsoon session: Devendra Fadnavis clarifies role in Trimbakeshwar case!

मई महीने में त्र्यंबकेश्वर मंदिर में हुई घटना का असर आज विधानमंडल के मानसून सत्र में देखने को मिला| विधान परिषद में एनसीपी विधायक शशिकांत शिंदे ने त्र्यंबकेश्वर मंदिर में हुई घटना का मुद्दा उठाया| साथ ही इस मसले पर नियुक्त एसआईटी की रिपोर्ट कब मिलेगी? इस संबंध में एक प्रश्न उठाया गया था| इस पर बोलते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में जांच की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी|
​दरअसल मामला क्या है?: 15 मई को दावा किया गया था कि कुछ मुस्लिम भक्तों ने चंदन जुलूस के दौरान नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की। इससे जुड़े कुछ वीडियो भी वायरल हुए थे. बाद में यह दावा किया गया कि चंदन जुलूस के दौरान त्र्यंबकेश्वर मंदिर में धूप चढ़ाने और फिर जुलूस आगे बढ़ाने का रिवाज था। इसे लेकर दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप भी हुए| बाद में जुलूस निकालने वाले लोगों ने माफी भी मांगी और कहा कि ‘किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना हमारा मकसद नहीं था| ‘ क्या ऐसी कोई प्रथा है या नहीं? या फिर किसी ने जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश की है? इस संबंध में मंदिर ट्रस्ट की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए सरकार ने एक विशेष जांच दल नियुक्त किया है|
“क्या यह सचमुच एक प्रथा है?”: “यह पेशवा काल की एक प्रथा है। क्या ऐसी कोई प्रथा थी? अगर हां, तो क्या इस मामले में किसी ने परंपरा तोड़ने की कोशिश की है? वास्तव में गलती किसकी थी? क्या किसी ने जानबूझकर इसमें जातिवाद और धर्मवाद पैदा करने की कोशिश की? इस संबंध में एसआईटी से क्या रिपोर्ट मिली है?” शशिकांत शिंदे ने विधान परिषद में यह सवाल उठाया|
फड़नवीस बोले, ‘वहां अब शांति है’: इस बीच, शशिकांत शिंदे द्वारा उठाए गए मुद्दे पर देवेंद्र फडणवीस ने सरकार का पक्ष विस्तार से रखा। “क्या ऐसी कोई परंपरा है? वह तर्क का हिस्सा है|कुछ लोग कहते हैं कि यह है, कुछ कहते हैं कि कोई परंपरा नहीं है।2022 में उन्होंने ये जुलूस दरवाजे से निकाला|वहां सेल्फी ले रहे थे, शूटिंग कर रहे थे| वीडियो फुटेज भी उपलब्ध है| यहां सवाल यह है कि मंदिर के ट्रस्टियों ने शिकायत की और कहा कि ‘ऐसी कोई परंपरा नहीं है, यह एक तरह से हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है|’ इसके बाद शिकायत दर्ज करायी गयी|दोनों पक्ष मिले| वहां जाने वाले लोगों ने माफ़ी मांगी है| तो अब शांति है”, फडणवीस ने कहा। “एसआईटी की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। जिन लोगों के खिलाफ सीआरपीसी 41 के तहत मामला दर्ज किया गया है, उन्हें नोटिस जारी किया गया है|आगे की जांच जारी है”, फडणवीस ने कहा।

कपिल पाटिल की आपत्ति: इस बीच, ”संविधान ने आस्था की तरह ही धार्मिक स्वतंत्रता भी दी है|​  विधायक कपिल पाटिल ने देवेन्द्र फड़नवीस के जवाब पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर कोई जानबूझकर आस्था की स्वतंत्रता में विवाद पैदा करता है और कहता है कि कोई परंपरा नहीं है, तो संयुक्त परंपराओं में हस्तक्षेप करना देशद्रोह है।”

कपिल पाटिल की आपत्ति के बाद फडणवीस ने फिर इसका जवाब दिया| ”किसी भी मान्यता या परंपरा को मानने पर कोई सरकारी रोक नहीं है। इसमें सरकार कहीं भी नहीं आएगी| इससे बेहतर क्या होगा कि हिंदू और मुसलमान एक-दूसरे का ख्याल रखें? लेकिन अगर कहीं परंपरा के नाम पर कुप्रथा चल रही है तो हमें दोनों पक्षों की भावनाओं को समझना होगा।किसी ने कहा कि हम मस्जिद के सामने जाकर नाचना चाहते हैं, यह मेरा विश्वास है, लेकिन ऐसा विश्वास बेकार है। क्योंकि वे कहते हैं कि आप नृत्य नहीं कर सकते। इससे केवल धार्मिक तनाव पैदा होगा”, इस अवसर पर फडणवीस ने कहा।

एक महीने के भीतर आएगी एसआईटी रिपोर्ट: त्र्यंबकेश्वर मंदिर के ट्रस्टी चैरिटी कमिश्नर द्वारा नियुक्त। इसमें सरकारी अधिकारी भी हैं|अगर वे शिकायत देते हैं तो उस पर संज्ञान लेना सरकार का काम है|परंपरा के नाम पर कोई भ्रम नहीं हो सकता|सभी को एक-दूसरे के धर्म पर आस्था रखनी चाहिए। तभी संविधान द्वारा दिये गये अधिकारों का सही ढंग से पालन हो सकेगा। मामले की जांच की जा रही है और पूरी तरह शांति है|फडणवीस ने यह भी बताया कि एसआईटी जांच रिपोर्ट एक महीने के भीतर मंगाई जाएगी|
 
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