एनसीपी के नेता और अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक की मुश्किलें कम होती नहीं दिखाई दे रही है| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉड्रिंग के मामले में उन्हें गिफ्तार किया था| और स्पेशल कोर्ट ने उन्हें ८ दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था, नवाब मलिक ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी| बॉम्बे हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर बुधवार को सुनवाई हुई| इस सुनवाई के दौरान ईडी ने नवाब मलिक की याचिका पर जवाब देने के लिए कोर्ट से समय मांगा है|अब उक्त मामले की सुनवाई 7 मार्च को होगी|
गौरतलब है कि मलिक ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए यह दावा किया था कि उन पर ईडी की कार्रवाई राजनीतिक कारणों से हुई है| वे अकेले नहीं हैं, जिन पर केंद्रीय एजेंसियां इस तरह की कार्रवाई कर रही हैं| राजनीतिक विरोधियों को दबाने का यह ट्रेंड सा चल पड़ा है| उन्होंने कहा था कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है| इसे रद्द किया जाए और उन पर लगे आरोप से उन्हें बरी किया जाए|
ASG: This is not possible.
The order was available since 4th, they served us last night.Court: we will observe that subsequent remand granted is without prejudice to rights and contentions of the petitioner.
— Bar & Bench (@barandbench) March 2, 2022
कोर्ट से ईडी को 7 मार्च तक का समय दिया है| अब देखना है कि सात मार्च की सुनवाई के बाद नवाब मलिक की गिरफ्तारी को वैध ठहराने के लिए ईडी क्या दलील पेश करती है और हाईकोर्ट वह दलील सुनकर क्या रुख अपनाता है| इस बीच गुरुवार से विधानसभा का बजट अधिवेशन शुरू हो रहा है| अधिवेशन से पूर्व संध्या पर भारतीय जनता पार्टी ने महाविकास आघाडी सरकार के चायपान का बहिष्कार किया है| देवेंद्र फडणवीस के इरादों से साफ है कि अधिवेशन में
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नवाब मलिक द्वारा जमीन के इस सौदे के बाद मुंबई में तीन विस्फोट हुए| यह सीधा-सीधा टेरर फंडिंग का मामला है| महाराष्ट्र की सरकार दाउद को समर्पित सरकार है, जो मंत्री दाऊद से संबंधित हैं, उनके पक्ष में खड़ी है| दाऊद के सामने झुकते हैं और ये लोग कहते हैं महाराष्ट्र झुकेगा नहीं|भाजपा नवाब मलिक के इस्तीफे का मुद्दा जोर-शोर से उठाने वाली है|
यह भी पढ़ें-