”अब बच नहीं सकते”: इस बीच, इस मौके पर बोलते हुए अनिल परब ने सुप्रीम कोर्ट की आक्रामक टिप्पणी के बाद राज्य में हो रहे आंदोलन पर प्रतिक्रिया दी है, “जब सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाता है, तो सुनवाई शुरू होती है। अभी सुनवाई शुरू नहीं हुई है| केवल पहले नोटिस जारी किए गए थे| अनिल परब ने कहा कि उन्होंने चतुराईपूर्ण कारण बताकर समय बर्बाद कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्पष्ट रुख अपनाया है। एक सप्ताह के भीतर सुनवाई के बाद इस संबंध में शेड्यूल दिया जाना है। तो अब किसी के लिए बचने का कोई रास्ता नहीं है| उन्हें निर्णय लेना होगा”, अनिल परब ने कहा।
“विधान परिषद में भी सत्तारूढ़ दल”: अनिल परब ने कहा कि विधानसभा की तरह सत्ता पक्ष भी ऊहापोह की स्थिति में है| उन्होंने विधान परिषद में भी गड़बड़ी की है| मैंने कहा कि अध्यक्ष या उपाध्यक्ष अयोग्यता की सुनवाई करते हैं। लेकिन उपसभापति के खिलाफ अयोग्यता याचिका है| वह किसकी सुनेगा? तब कहा गया था कि सरकार इस संबंध में एक वरिष्ठ सदस्य की नियुक्ति करेगी, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ| सरकार ने सदन को आश्वासन दिया है कि एक वरिष्ठ सदस्य की नियुक्ति की जाएगी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई| इसलिए अदालत ही बचा है ही हमारे मैचों के लिए एकमात्र विकल्प है।
लोकसभा में लोगों का मूड देखें तो ये भाजपा के खिलाफ – रोहित पवार