सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में सत्ता संघर्ष पर फैसला सुनाते हुए विधायकों की अयोग्यता का फैसला विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया। इससे शिंदे सरकार को भी बड़ी राहत मिली है। इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस अवसर पर बोलते हुए, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि लोकतंत्र में लोकतंत्र और जनमत की पूरी तरह से जीत हुई है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस्तीफे के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे ने दी सफाई उन्होंने कहा कि मैंने नैतिकता के चलते इस्तीफा दिया है। इस प्रतिक्रिया पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि मैंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया, जब वह बीजेपी से चुने गए और कांग्रेस-राष्ट्रवादी के साथ गए, तो यह नैतिकता किस डिब्बे में चली गई? उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा।
फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि आपको नैतिकता के विषय का जिक्र नहीं करना चाहिए, क्योंकि आपने कुर्सी के लिए सोचना छोड़ दिया है। और एकनाथ शिंदे ने सोचने के लिए कुर्सी छोड़ दिया। वे सरकार के खिलाफ आए क्योंकि हम तब इसके खिलाफ थे। आपको एहसास हुआ कि आपके पास नंबर नहीं है, आपने शर्म और डर के मारे इस्तीफा दे दिया। इसे नैतिक मत बताओ। एकनाथ शिंदे के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। फडणवीस ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी है।
कोर्ट ने कहा कि महाविकास अघाड़ी की मंशा पर पानी फेरते हुए उद्धव ठाकरे को दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता है। अयोग्यता याचिका की शक्ति अध्यक्ष के पास है, इसलिए यह स्पष्ट है कि अध्यक्ष इसे सुनेंगे। कोई असाधारण स्थिति नहीं है इसलिए अदालत ने दखल देने से इनकार कर दिया। देवेंद्र फडणवीस ने यह भी कहा कि जिन पर अयोग्यता लंबित है उनके पास पूरे अधिकार हैं। कोर्ट ने कहा है कि राज्यपाल द्वारा एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने के लिए बुलाना न्यायोचित है।
ये भी देखें
महाराष्ट्र के राज्यपाल गलत हैं!, सत्ता संघर्ष के फैसले के समय सुप्रीम कोर्ट ने लिया था स्टैंड!
महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष: SC का बड़ा फैसला!, सात न्यायाधीशों के समक्ष नबाम रेबिया का मामला
SC का फैसला, दिल्ली सरकार को मिली बड़ी जीत, अफसरों पर केजरीवाल का कंट्रोल