विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद भी महागठबंधन में शामिल दलों में अभी भी खींचतान जारी है| चुनाव नतीजों के बाद सत्ता बंटवारे को लेकर महागठबंधन में नाराजगी का नया मामला मंत्रियों की सूची को लेकर सामने आया है| महागठबंधन में मंत्रियों को आवास और बंगले आवंटित करने को लेकर नाराजगी का नया मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है|
महागठबंधन सरकार के कैबिनेट का विस्तार हो चुका है और कैबिनेट में कुल 33 मंत्री और 6 राज्य मंत्री शामिल किए गए हैं| महागठबंधन को बहुमत मिलने के करीब 2 हफ्ते बाद सरकार ने शपथ ली| ऐसे में शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर कैबिनेट का विस्तार किया गया|
सोमवार को महागठबंधन के मंत्रियों को बंगले और हॉल आवंटित कर दिये गये| इस सूची पर नाराजगी नाटकीय है| यह नाराजगी हॉल और बंगलों के आवंटन को ध्यान में रखे बिना व्यक्त की गई है| कुछ मंत्री वास्तुकला और कुछ अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर बंगले लेते हैं।लेकिन, अचानक सूची जारी होने से मंत्री असमंजस में पड़ गये हैं|
प्रशासन के आदेश के बाद कुछ लोगों ने अपने बंगले बदलने की मांग की है| ज्यादातर पुराने मंत्रियों को वही बंगले और हॉल दिए गए हैं| कुछ के नाराजगी जताने के बाद अब उनकी जगह हॉल और बंगले बनने जा रहे हैं। इस बीच, महागठबंधन सरकार के 6 राज्य मंत्रियों में से मेघना बोर्डिकर, इंद्रनील नाईक, योगेश कदम को मंत्रालय में जगह नहीं मिली। इसके बदले इन मंत्रियों को विधानमंडल के प्रथम तल पर एक हॉल दिया गया है|
महायुति मंत्रियों को भी बंगले आवंटित किए गए हैं: चन्द्रशेखर बावनकुले को रामटेक, राधाकृष्ण विखे को रॉयल स्टोन, पंकजा मुंडे को पर्णकुटी, शंभूराज देसाई को मेघदूत, गणेश नाईक को पवन गढ़ बंगला। इसके अलावा अन्य मंत्रियों को भी बंगले आवंटित किये गये हैं|
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