राज्य में कई पार्टियां महायुति या महाविकास अघाड़ी में हैं, लेकिन महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना जैसी कुछ पार्टियां ऐसी भी हैं जो किसी गठबंधन या गठबंधन में शामिल नहीं हुई हैं| एक या दो स्थानीय स्वशासन चुनावों को छोड़कर, मनसे अपने दम पर चुनाव लड़ती रही है। लेकिन कुछ महीने पहले चर्चा थी कि एमएनएस और भाजपा के बीच गठबंधन होगा| उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने राज ठाकरे से दो-तीन बार मुलाकात की। बाद में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी राज ठाकरे से मुलाकात की| इसके चलते मनसे-भाजपा गठबंधन की बातें आकार लेने लगीं|
इस बीच अब महागठबंधन में पार्टियों की संख्या बढ़ गई है| वहीं, महाराष्ट्र सरकार के पास भी बहुमत है| एनसीपी के अजित पवार गुट के आने से महागठबंधन और भी मजबूत हो गया है| लिहाजा, मनसे की महागठबंधन में एंट्री की चर्चाएं खत्म हो गई हैं| इसी तरह कुछ समय पहले मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल पर साफ जवाब दिया था|
कुछ देर पहले राज ठाकरे ने पुणे में मीडिया से बात की| इस मौके पर राज ठाकरे से भाजपा नेताओं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ मुलाकात के बाद एमएनएस के महागठबंधन में शामिल होने को लेकर सवाल पूछा गया| इस पर राज ठाकरे ने कहा, यहां भाजपा के साथ जाने का सवाल ही नहीं है, कोई किसी से मिल ले तो गठबंधन नहीं होता| क्या दोनों नेता इसलिए मिले ताकि तत्काल गठबंधन हो जाए? यह आपके दैनिक मीडिया बुलेटिन का हिस्सा होगा, इसका हमसे कोई लेना-देना नहीं है।
राज ठाकरे के बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है| इस पर वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा, ठीक है फिर! यह उनका निर्णय है| क्या हमने उन्हें प्राप्त करने के लिए दरवाजे खुले छोड़ दिए हैं? ख़ुशी है कि वे नहीं आएंगे। एक सद्भावना यह भी है कि वह जीवन भर महायुति में शामिल न हों|
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