“हसन मुश्रीफ मेडिकल आधार पर जमान…”, संजय राउत की तीखी प्रतिक्रिया !
मलिक मनी लॉन्ड्रिंग मामले और कथित अंडरवर्ल्ड संबंधों के मामले में पिछले डेढ़ साल से जेल में हैं। इस बीच इस जमानत पर अलग-अलग राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं| शिवसेना के ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने कहा, मलिक को 16 महीने बाद मेडिकल आधार पर जमानत दी गई है। इससे हम सभी खुश हैं।'
Team News Danka
Updated: Sat 12th August 2023, 06:05 PM
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस विधायक नवाब मलिक को स्वास्थ्य आधार पर जमानत दे दी है| मलिक को दो महीने की जमानत दी गई है| मलिक मनी लॉन्ड्रिंग मामले और कथित अंडरवर्ल्ड संबंधों के मामले में पिछले डेढ़ साल से जेल में हैं। इस बीच इस जमानत पर अलग-अलग राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं| शिवसेना के ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने कहा, मलिक को 16 महीने बाद मेडिकल आधार पर जमानत दी गई है। इससे हम सभी खुश हैं।’
संजय राउत ने कहा, जेल में बंद व्यक्ति को मेडिकल आधार पर जमानत दी जाती है। हमारे देश में इसके लिए कानून है, लेकिन, वह (भाजपा सरकार) उस कानून के तहत अपने राजनीतिक विरोधियों को जमानत नहीं देती है। ये सारी साजिशें विरोधियों को फंसाने के लिए चल रही हैं| चाहे अनिल देशमुख हों, चाहे मैं, चाहे नवाब मलिक हों, सभी को फंसाने की साजिश चल रही है।’ हसन मुश्रीफ को वह नया इंजेक्शन मिला और इससे छुटकारा मिल गया|
सांसद संजय राउत ने कहा, कल केंद्र सरकार ने राजद्रोह कानून रद्द कर दिया. यह एक ब्रिटिश कानून था, लेकिन, आप (भाजपा सरकार) उस कानून को खत्म करने वाले कानूनों का उपयोग करके अपने राजनीतिक विरोधियों को फंसा रहे हैं। राजनीतिक तौर पर आप कई कार्यकर्ताओं को जेल में डाल रहे हैं जो भविष्य में हमें परेशान करेंगे| इसलिए राजद्रोह कानून को रद्द करने की प्रशंसा न करें। आपने अंग्रेज़ों से भी बदतर क़ानून ख़त्म कर दिये हैं। आप उन कानूनों का उपयोग अपने राजनीतिक विरोधियों को नीचा दिखाने के लिए करते हैं।
सांसद राउत ने कहा, आपकी पार्टी (भाजपा) में जो लोग आते हैं, उन्हें निर्मला वॉशिंग मशीन में डालकर नहलाती हैं| देखिए महाराष्ट्र में क्या हो रहा है? नवाब मलिक तो 16 महीने बाद रिहा हो गए , लेकिन जो लोग जेल जाने वाले थे, आपने ऐसे ही मामले में मंत्री पद संभाला है| उसके लिए ऐसे ही कानूनों का इस्तेमाल किया गया| हमारे देश में जो हो रहा है वह इस बात का संकेत है कि देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है।