‘इस्तीफा नहीं देना चाहते थे शरद पवार’, सुप्रिया सुले का धमाका​ !

मैं पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं और अब कोई जिम्मेदारी स्वीकार नहीं करूंगा​|​ नए लोगों को मौका देने की बात कहते हुए शरद पवार ने मुंबई के यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में एक कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा की​|​

‘इस्तीफा नहीं देना चाहते थे शरद पवार’, सुप्रिया सुले का धमाका​ !

'Sharad Pawar did not want to resign', Supriya Sule's blast!

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार का मई में उनकी आत्मकथा ‘लोक मजे संगति’ के नए संस्करण के विमोचन के समय इस्तीफा काफी चर्चा का विषय रहा था|मैं पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं और अब कोई जिम्मेदारी स्वीकार नहीं करूंगा|नए लोगों को मौका देने की बात कहते हुए शरद पवार ने मुंबई के यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में एक कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा की|
लेकिन शरद पवार के इस फैसले का अजित पवार को छोड़कर पार्टी के सभी नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध किया|नतीजा यह हुआ कि शरद पवार ने तीन दिन बाद अपना इस्तीफा वापस ले लिया|इस इस्तीफे के नाटक पर समय-समय पर एनसीपी कांग्रेस के अलग-अलग नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं|इस बीच, पार्टी के वरिष्ठ नेता और शरद पवार से बगावत कर अजित पवार के गुट में शामिल हुए छगन भुजबल ने बुधवार (11 अक्टूबर) को इस इस्तीफे के नाटक पर टिप्पणी की|
 
शरद पवार का इस्तीफा सीधे तौर पर नहीं हुआ|छगन भुजबल ने बताया है कि इस मामले पर 15 दिन पहले चर्चा हुई थी|भुजबल ने इस्तीफे के ड्रामे को लेकर अलग-अलग बातें बताईं|भुजबल ने कहा, ”मई में जो हुआ उससे 15 दिन पहले शरद पवार के घर में चर्चा हुई थी|अजित पवार को वह चर्चा जरूर मालूम होगी|तय हुआ कि शरद पवार को इस्तीफा दे देना चाहिए|​  यशवंतराव चव्हाण केंद्र में एक कार्यक्रम होना था, जिसके बाद सांसद सुप्रिया सुले को पार्टी अध्यक्ष बनाना था और फिर हमें भाजपा के साथ जाना था|इसीलिए उन्होंने अचानक इस्तीफा दे दिया|मुझे भी इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि शरद पवार इस्तीफ़ा देंगे|
​अब सांसद सुप्रिया सुले ने इस पर सफाई दी है| सांसद सुले ने कुछ देर पहले मीडिया से बातचीत की| उस समय उन्होंने कहा था, शरद पवार ने इस्तीफा दे दिया है, वह उन्हें नहीं देना चाहते। लेकिन इन सभी (वर्तमान में अजीत पवार समूह के नेता) के इस आग्रह से कि उन्हें भाजपा के साथ जाना चाहिए, शरद पवार आहत थे। इससे आहत होकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया|उनकी इस्तीफा देने की बिल्कुल इच्छा नहीं थी| आपको शायद ये नाटक लगे लेकिन हमारे लिए ये हकीकत थी|
सुप्रिया सुले ने कहा, शरद पवार के इस्तीफा देने के बाद महाराष्ट्र की जनता, मीडिया, पार्टी कार्यकर्ता, पार्टी के सहयोगी सभी ने शरद पवार से अनुरोध किया|सभी ने पवार से कहा, आपको यह जिम्मेदारी लेनी होगी और साथ ही छगन भुजबल ने कहा, कमेटी वगैरह से काम नहीं चलेगा, आपको यह जिम्मेदारी लेनी होगी. भुजबल ने शरद पवार से आग्रह किया कि आपको राष्ट्रपति बने रहना चाहिए|
सांसद सुले ने कहा, यहां मुझे छगन भुजबल के बीच एक और विरोधाभास नजर आता है| एक तरफ वे कहते हैं कि शरद पवार ने हमें इंतजार कराया, दूसरी तरफ वे कहते हैं कि शरद पवार भाजपा के साथ चर्चा कर रहे थे, कभी-कभी वे कहते हैं कि शरद पवार एक तानाशाह की तरह काम कर रहे थे, पार्टी पर हावी हो रहे थे। लेकिन, अगर वह तानाशाह की तरह काम कर रहे होते तो पार्टी अध्यक्ष के चयन के लिए समिति का गठन नहीं करते।
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