शिरसाट ने कहा कि खुल्दाबाद का नाम बदलकर उसे ‘रत्नापुर’ किया जाएगा, जो उस स्थान का पुराना नाम था। उनका कहना था कि यह कदम औरंगजेब के शासनकाल से पहले उस स्थान की ऐतिहासिक पहचान को बहाल करने के लिए उठाया गया है।
संजय शिरसाट ने कहा कि औरंगजेब ने पूरे भारत में कई शहरों के नाम बदल दिए थे। उदाहरण के तौर पर, औरंगाबाद का नाम पहले छत्रपति संभाजी नगर रखा गया था, वहीं देवगिरी का नाम दौलताबाद और रत्नापुर का नाम खुल्दाबाद रखा गया था। शिरसाट का कहना था कि शिवसेना इस तरह के नामों को उनके असली नामों पर वापस लाने के लिए लगातार काम कर रही है।
संजय शिरसाट ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि विपक्ष को विज्ञान की बात करनी है तो वह करे, लेकिन औरंगज़ेब के बारे में कोई बात उठाने पर उनकी दिलचस्पी क्यों हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष केवल वोट की राजनीति कर रहा है और शिवसेना इन मुद्दों पर कभी भी राजनीति नहीं करती।
इसके बाद शिरसाट ने विवादित कमीडियन कुणाल कामरा पर तंज कसते हुए कहा कि बालासाहेब ठाकरे ने हमें जो तरीके बताए थे, हम उसी पर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कामरा जैसे लोग बकवास करते हैं, लेकिन शिवसेना इनसे डरने वाली नहीं है। शिरसाट ने चेतावनी दी कि अगर किसी ने गलत बातें की तो उसे कानूनी सजा मिलेगी। उन्होंने कहा कि कामरा को आने दो, हम उसका स्वागत करेंगे।
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