राज्य के मंत्री और भाजपा नेता रवींद्र चव्हाण और शिंदे गुट के नेता रामदास कदम के बीच अच्छी जुगलबंदी देखा जा रहा है| कल रवींद्र चव्हाण की कड़ी आलोचना करने के बाद रामदास कदम ने आज जोरदार हमला बोला है| क्या है रवींद्र चव्हाण की स्थिति? मुझे चुनौती देने के बजाय, मुंबई-गोवा राजमार्ग का निर्माण करें। आपने पिछले साल वादा किया था| रामदास कदम ने चव्हाण पर हमला बोलते हुए कहा कि गणपति उत्सव के दौरान कोई दिक्कत नहीं होगी| मुद्दे पर बात करें| एक सड़क छाप ठग की तरह बात मत करो|अगर आप में हिम्मत है तो बताएं कि आप मुंबई-गोवा रोड के लिए क्या करेंगे। दाऊद भी मेरे सामने थक गया| आप किस खेत की मूली हैं?
पूर्व मंत्री रामदास कदम ने मीडिया से बातचीत के दौरान मंत्री रविंद्र चव्हाण पर हमला बोला है| मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। रवींद्र चव्हाण कहते हैं कि मैंने उनका ध्यान मुंबई-गोवा राजमार्ग पर गड्ढों की ओर आकर्षित किया है। मैं दाऊद से नहीं डरता, लेकिन रवींद्र चव्हाण कौन हैं? रवींद्र चव्हाण ने कोई विकास कार्य नहीं किया| रवींद्र चव्हाण गठबंधन तोड़ना चाहते हैं| रामदास कदम ने आरोप लगाया है कि रवींद्र चव्हाण गठबंधन के विधायकों की मदद नहीं कर रहे हैं|
एक बाप के हो तो…: रामदास कदम को तोड़ने के लिए उन्हें 100 जन्म लेने पड़ेंगे, ये अभी तक नहीं पता| उसे कोई जानकारी नहीं है| क्या इसका कोई कारण है? ऐसे लोग बहुत देखे हैं| मैं जानता हूं कि भौंकने वाला कुत्ता कभी नहीं काटता। ऐसे भौंकने वाले कुत्ते पर ध्यान देने का मेरे पास समय नहीं है| उन्हें मुझे बताना चाहिए कि कौन सी सड़क कहां और किस समय की है। बाप के बने हो तो वहां आओ। दिखाओ रामदास कदम ने चुनौती दी कि मैं आपकी चुनौती स्वीकार करने के लिए तैयार हूं|
इस्तीफा दें: सिर्फ चमकने की नहीं बल्कि काम करने की जरूरत है| वहां कोई पुल नहीं है, कोई सड़क नहीं है| ऊबड़-खाबड़ सड़क है| सिर्फ निरीक्षण दौरा ही क्यों? देवेन्द्र फडनवीस को चव्हाण का इस्तीफा स्वीकार करना चाहिए। यह एक अप्रभावी मंत्री हैं| गठबंधन में भी मैं ये बात सीधे तौर पर कहता हूं| कोंकण के लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता| उन्होंने यह भी कहा कि लोग पूछ रहे हैं कि रामदास भाई आप क्या करते हैं|
क्या है चव्हाण की चेतावनी?: इस बीच, रवींद्र चव्हाण ने भी कदम की आलोचना का जवाब दिया| मैं भी बात कर सकता हूँ| बात करने के लिए आमने-सामने आएं| कोई बचाने वाला नहीं बचेगा| इसे याद रखें, इससे पता चलता है कि वे कौन सी भाषा बोलते हैं। मेरा नाम रवीन्द्र चव्हाण है| इसका मतलब ये नहीं कि मैं जो भी कहूंगा, कोई सुनेगा. ऐसा नहीं होगा| अपने जुबान का ख्याल रखें| रवींद्र चव्हाण ने चेतावनी दी थी कि मुंह तोड़े बिना नहीं रहेंगे|
यह राष्ट्रीय राजमार्ग नितिन गडकरी के अधीन आते हैं, लेकिन वे बेवकूफी भरे जवाब दे रहे हैं| साथ ही वो भी जो उनके पास बैठकर ताली बजाते हैं| वह 15 साल तक मंत्री रहे| 30 साल तक शिवसेना में नेता के तौर पर काम किया| वो क्या करते थे? ये सवाल चव्हाण ने पूछा है|
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