राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के स्मारक पर चर्चा के लिए उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे मुलाकात करेंगे| इन दोनों ठाकरे बंधुओं की मुलाकात पर संजय राउत ने सांकेतिक प्रतिक्रिया दी है, जबकि राजनीति में इस पर कई तरह के तर्क दिए जा रहे हैं| आज वह दिल्ली में मीडिया से बात कर रहे थे|संजय राउत ने कहा कि वे दोनों भाई हैं|दो भाई कभी भी एक-दूसरे से मिल सकते हैं, चर्चा कर सकते हैं। इसमें किसी तीसरे व्यक्ति के पड़ने की जरूरत नहीं है| मैं दोनों को जानता हूं, दोनों से मेरे आत्मीय संबंध हैं, लेकिन जब राजनीतिक मामलों की बात आती है, तो मैं पूरे दिल से बालासाहेब ठाकरे और उद्धव ठाकरे, अपने पूरे परिवार और सहयोगियों के साथ खड़ा रहूंगा।
…यह महाराष्ट्र में एनडीए की सबसे बड़ी हार होगी: “क्या फायदा कोई एनडीए है? हमसे टूटा हुआ एक समूह, एनसीपी से टूटा हुआ एक टुकड़ा और अन्य संयुक्त टुकड़े मूल एनडीए कहाँ है? मूल एनडीए मुख्य दलों शिवसेना, अकाली दल, जनता दल यूनाइटेड, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस द्वारा गठित एनडीए था। कल तक हम कहेंगे ‘एक मोदी सब पर भारी’, हमें किसी की भारी नहीं चाहिए।’ अब जब हमने भारत की स्थापना कर ली है तो आपको एनडीए की जरूरत क्यों महसूस हो रही है?” संजय राऊत ने भी ऐसा सवाल पूछा|
“उनके पैरों के नीचे से रेत खिसक रही है, 2024 के चुनावों में आगे बढ़ने का कोई भरोसा नहीं है। इसलिए इस पार्टी को तोड़ो, उस पार्टी को तोड़ो और फिर एनडीए की पूंछ जोड़ो| वे महाराष्ट्र सदन में आ सकते हैं, लेकिन एनडीए की सबसे बड़ी हार महाराष्ट्र में ही होगी| इतिहास की सबसे बड़ी हार कहां होगी, बिहार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, केरल, तेलंगाना में प्रमुख एनडीए की हार होगी| उन्हें महाराष्ट्र सदन में अधिक से अधिक बैठकें करनी चाहिए”, संजय राउत ने कहा।
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