तथ्य यह है कि मुख्यमंत्री पद के लिए शिंदे फडणवीस से तीन प्रतिशत अंकों से आगे चल रहे हैं, यह फडणवीस के घाव पर नमक छिड़कने जैसा है। फडणवीस का फिर से मुख्यमंत्री बनने का सपना तब चकनाचूर हो गया जब महा विकास अघाड़ी सरकार गिरा दी गई। उसके बाद नैलजा को उप मुख्यमंत्री का पद स्वीकार करना पड़ा। फडणवीस के लिए यह चौंकाने वाली बात है कि जब उन्हें शिंदे के अधीन काम करना पड़ रहा है तो अब शिंदे ने फिर से ऐसा माहौल बनाना शुरू कर दिया है कि वे फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे|
पिछले कुछ दिनों से शिंदे गुट और भाजपा के बीच काफी कड़वाहट चल रही है| खबर थी कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शिंदे गुट के पांच मंत्रियों को चेतावनी दी थी| शाह और शिंदे और फडणवीस के बीच मुलाकात के बाद शिवसेना के ठाकरे गुट के संजय राउत ने पांचों मंत्रियों के बारे में खुलासा किया। इसके बाद यह खबर हवा की तरह फैल गई।
शिंदे गुट को शक है कि इस खबर को गढ़ने में फडणवीस का हाथ है| इसके अलावा, शिंदे को यह बात पसंद नहीं आई कि भाजपा ने शिंदे के गढ़ ठाणे और कल्याण में दो लोकसभा सीटों पर दावा किया। इससे शिंदे के बेटे सांसद श्रीकांत शिंदे को इस्तीफा देना पड़ा था। इन सबकी परिणति शिंदे समूह द्वारा आज प्रकाशित घोषणा पत्र को कहा जाता है।
सर्वे से साबित होता है कि राज्य की जनता भाजपा-शिवसेना सरकार से संतुष्ट है| पिछले 11 महीनों में सरकार ने लोगों की भलाई के लिए कई फैसले लिए। इसलिए प्रदेश की जनता की प्राथमिकता फिर से गठबंधन सरकार को मिलेगी। मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस हाथ में हाथ डाले सरकार चला रहे हैं। फिर गठबंधन सत्ता में आएगा। चुनावी बिगुल बजने लगा है। मैं की तू बड़ा चल रहा है।
एकनाथ शिंदे से संजय राउत का सीधा सवाल, दी उपमुख्यमंत्री फडणवीस को चुनौती दी!