आज शरद पवार का 85वां जन्मदिन है| इस मौके पर राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने आज सुबह अपने परिवार और पार्टी नेताओं के साथ शरद पवार से मुलाकात की| इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी शरद पवार से मुलाकात की है| इस बीच इन दौरों को लेकर राजनीतिक गलियारे में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं| इस बीच एनसीपी (अजित पवार) पार्टी के नेता सुनील तटकरे ने इस पर प्रतिक्रिया दी है|
एनसीपी (अजित पवार) पार्टी के नेता सुनील तटकरे ने कहा, ”हम कई वर्षों से शरद पवार को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दे रहे हैं। उनके आशीर्वाद से ही हमारी राजनीतिक प्रगति हुई। इसलिए उनका अभिनंदन करना, उनके दर्शन करना हमारे लिए खुशी का क्षण है।”
तटकरे ने आगे बोलते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शरद पवार से मिलने गए थे| इस तथ्य के अलावा कि पूरे भारत देश में एक अलग माहौल है, राजनीतिक क्षेत्र में अलग-अलग चर्चाएं होती हैं, केंद्रीय गृह मंत्री ने आज अच्छी सद्भावना दिखाई है। शरद पवार देश के वरिष्ठ नेता हैं| यहां तक कि 2015 में पवार साहब के अमृत महोत्सव के मौके पर भी देश की सभी पार्टियों के नेता एक मंच पर जुटे थे| यह हमारी संस्कृति है”, सुनील तटकरे ने कहा।
चर्चा चल रही है कि भविष्य में शरद पवार और अजित पवार एक साथ आएंगे| इस बारे में पूछे जाने पर तटकरे ने कहा, ”मैं सभी से विनम्र निवेदन करता हूं कि आज हम आदरणीय पवार साहब से मिलकर शुभकामनाएं देने और उनका आशीर्वाद लेने आए हैं। आज की सद्भावना यात्रा को राजनीतिक मोड़ देना प्रतिकूल होगा। मेरा अनुरोध है कि इसका कोई राजनीतिक निहितार्थ न निकाला जाए”, तटकरे ने इस अवसर पर यह भी कहा।
इसके विपरीत, महागठबंधन मजबूत होगा- दरेकर: अजित पवार और शरद पवार की मुलाकात पर बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने भी प्रतिक्रिया दी है| उन्होंने कहा, ”राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हैं, लेकिन शरद पवार देश के वरिष्ठ और महत्वपूर्ण नेता हैं और मुझे लगता है कि अमित शाह उन्हें बधाई देने गए होंगे|
अब जब दोनों नेता साथ आएंगे तो राजनीतिक चर्चा हो सकती है, लेकिन मुझे लगता है कि नरेंद्र मोदी ने बार-बार शरद पवार का महिमामंडन किया है| राजनीति में उनकी महानता को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया जाता है। तो अमित शाह शुभकामना देने गए होंगे”|
शरद पवार-अजित पवार के एक साथ आने से क्या महागठबंधन को लगेगा झटका? इस मुद्दे पर बोलते हुए दरेकर ने कहा, ”इससे महागठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि इससे गठबंधन मजबूत होगा और फायदा होगा| अगर शरद पवार अजित पवार के साथ आते हैं तो हम मजबूत होंगे| वे विधायक-सांसद के रूप में उपयोगी होंगे।”
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