क्या मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच शीत युद्ध शुरू हो गया है? ऐसी चर्चाएं शुरू हो गई हैं| विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि दोनों नेताओं के बीच शीत युद्ध शुरू हो गया है|इसको लेकर दिनभर चर्चा शुरू हो गई है।अब अजित पवार ने इस बारे में खुलासा किया है| मैंने मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र में कोई हस्तक्षेप नहीं किया|वित्त मंत्री के तौर पर मैं विकास कार्यों, परियोजनाओं की समीक्षा कर सकता हूं|आपको इस बारे में क्या चिंता है? ऐसा सवाल अब अजित पवार ने पूछा है| उन्होंने यह बयान पुणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अजित पवार से सवाल पूछा गया|
अजित पवार ने क्या कहा?: राज्य में महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर नजर रखने के लिए हम अक्सर 15 दिनों के बाद समीक्षा बैठक करते हैं और उनमें तेजी लाने का काम करते हैं। अब भी वह एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में काम कर रहे हैं| देवेन्द्र फडणवीस हमारे साथ हैं, अन्य सहयोगी भी हमारे साथ हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री बनने के बाद इन कार्यों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इसकी समीक्षा कर रहे हैं|
इस समिति की जिम्मेदारी राधेश्याम मोपलवार के पास है| हम सरकार में इसलिए शामिल हुए कि महाराष्ट्र का विकास हो| लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाये, उनकी विभिन्न समस्याओं को दूर किया जाये। ये सब करते हुए अजित पवार ने ये भी कहा है कि हमने राष्ट्रीय स्तर पर मोदी का समर्थन किया है|
मैं इस राज्य के वित्त मंत्री के तौर पर कामकाज की समीक्षा कर सकता हूं| अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निर्भर है। बैठक में मोपलवार भी थे, लेकिन कुछ ने अलग कहानी चलायी। ये हुआ, वो हुआ, अरे तुम्हें क्या परेशानी? अगर राज्य के मुद्दे, मेट्रो के मुद्दे आड़े आ रहे हैं तो दिक्कत क्या है?
अजित पवार ने यह भी कहा है कि एक बार सिस्टम हट जाए तो काम शुरू हो जाता है| हालाँकि मैंने आज समीक्षा की, लेकिन ध्यान रखें कि मुख्य निर्णय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का होगा। हम लोगों के काम पर ध्यान दे रहे हैं| अजित पवार ने यह भी साफ किया कि अगर आप काम रोकेंगे तो हम ध्यान देंगे, राज्य का विकास करना जरूरी है|
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