एनसीपी शरद पवार गट के शीर्षस्थ नेता शरद पवार ने नवी मुंबई के वाशी में ‘सामाजिक ऐक्य परिषद्’ के दौरान महाराष्ट्र की तुलना मणिपुर से करते हुए भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उनका कहना है महाराष्ट्र में आरक्षण की मांग को लेकर हालात लगातार बिगड़ रहें है। ऐसे में महाराष्ट्र के हालत भविष्य में मणिपुर जैसे भी हो सकते है।
शरद पवार के बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीती में गर्माहट और बढ़ी है। आपको याद दिला दें, महाराष्ट्र में अगले कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव आनेवाले है। ऐसे में महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरंगे हाइपर एक्टिव होते देखें है। आपको बता दें की फिलहाल शरद पवार सामाजिक मंच से मराठा आरक्षण के साथ धनगर और लिंगायत आरक्षण की भी मांग कर रहें है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए शरद पवार ने कहा है की मणिपुर में हिंसा की स्थिती होनेपर भी प्रधानमंत्री वहां नहीं गए, उन्हें जाना चाहिए था, लोगों को विश्वास में लेना चाहिए था, साथ ही आसपास के राज्यों में भी तनाव की स्थिती है जिसमें कर्नाटक भी शामिल है।
शरद पवार के बयानों से महराष्ट्र में चिंता के बादल छाए है। राजनितिक विशेषज्ञों का कहना है महाराष्ट्र में कुछ गुट सामाजिक विद्वेष की राजनीती के जरिए चुनावों में जीत हासिल करना चाहते है। ऐसे प्रयासों में महाराष्ट्र के हालत ख़राब होना सामाजिक तत्वों की जीत होगी।
शरद पवार के दिए बयानों पर फ़िलहाल भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का कहना है की उन्हें अपने बयानों पर लगाम रखने की जरुरत है। ऐसी भविष्यवाणी कर महाराष्ट्र के लोगों को बदनाम करने की कोई जरुरत नहीं है। महाराष्ट्र में कोई हिंसा करने की कोशिश करेगा तो गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस उसे कंट्रोल करने में सक्षम होने की बात बावनकुले ने की है। उनका कहना है की विपक्ष के लोग अपनी राजनीति के लिए समाज में तनाव की स्थिती निर्माण करना चाहते है।
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