जरांगे का मराठा समुदाय से अपील, कहा, जहां ताकत है वहां जोर दें, जहां नहीं प्रत्याशी उतार दें!

मराठों के पास 150 से 200 विधायक हैं| लेकिन हमारा कोई समर्थन नहीं है|हमारे लिए दरवाजा खुला नहीं है| हमें हमारा असली विधायक चाहिए|

जरांगे का मराठा समुदाय से अपील, कहा, जहां ताकत है वहां जोर दें, जहां नहीं प्रत्याशी उतार दें!

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राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं| इस चुनाव में मनोज जरांगे पाटिल अपने उम्मीदवार उतारने जा रहे हैं| किस विधानसभा क्षेत्र में कौन होगा उम्मीदवार होगा? वे आज शाम इसकी घोषणा करेंगे| इससे पहले जरांगे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की| इसमें उन्होंने मराठा समुदाय से अहम अपील की है| जहां ताकत है वहां जोर दें​, जहां ताकत नहीं वहां प्रत्याशी उतार देना चाहिए|मराठा सिर्फ एससी एसटी उम्मीदवारों को वोट देना चाहते हैं| हम बांड लिखेंगे, वीडियोग्राफी करेंगे। लेकिन ये वायरल नहीं होगा| क्योंकि किसी को परेशानी नहीं होगी| अब हम निर्वाचन क्षेत्र के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं।

वह उतना ही लड़ेंगे जितना निर्वाचित होंगे। बहुत से लोगों की इच्छाएं होती हैं| हम समाज को सुरक्षित रखना चाहते हैं| राजनीति के शोर में समाज को खोना नहीं चाहिए। एक-दो दिन के लिए बेझिझक मुझ पर नाराज़ हो जाओ। लेकिन हमारे पास लेटने और अपमान सहने की ताकत नहीं है, मनोज जरांगे ने कहा।

क्या बोले मनोज जरांगे?: हम जाति का समर्थन चाहते हैं|हम गरीब मराठों को सशक्त बनाना चाहते हैं। वे चार उम्बारे घर पर दावा करना चाहते हैं। मराठों के पास 150 से 200 विधायक हैं| लेकिन हमारा कोई समर्थन नहीं है|हमारे लिए दरवाजा खुला नहीं है| हमें हमारा असली विधायक चाहिए|हम अपना काम साझा करना चाहते हैं| मेरी कोई इच्छा नहीं है|मैं कम से कम एक व्यक्ति को उसकी आँखों से पानी पोंछने का अवसर देना चाहता हूँ। अगर आपको नॉमिनेशन नहीं मिला तो भी निराश मत होइए|जाति को देखो, मनोज जरांगे ने मराठा समुदाय से अपील की है|

बहुत से लोग आये| कई नेता मिलने पहुंचे|सभी पार्टियों के लोग आये|किसी से भी त्यागपत्र नहीं लिखवाया गया। हम इतना नीचे नहीं जाते|किसी को जाने दो|कुछ ने कहा कि हमें चाबुक की जरूरत है|मैंने कहा नहीं| जरांगे ने कहा कि मराठा चाबुक हैं|

मैं नया हूँ इसलिए सीटों को लेकर समय लगता है| कुछ प्रश्न पेचीदा हैं| मैंने कल सबको बताया|मेरा समुदाय एकजुट रहेगा| मैं दूसरों के बारे में कुछ नहीं कहता| मुझे कुछ नहीं आता। मैं उनके कंधों पर झुक सकता हूं,लेकिन हमारे मराठा 100 फीसदी साथ रहेंगे|हम लड़ रहे हैं क्योंकि फडनवीस ने हमें निराश कर दिया।’ हमारी कोई आवाज नहीं है| हम किसी से मिलना चाहते हैं|जरांगे ने यह भी कहा कि उन्हें मराठा कहा जाता है|

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