भारत और मालदीव के बीच रिश्ते पिछले कुछ दिनों से तनावपूर्ण चल रहे हैं। मालदीव में भारतीय सैनिकों की उपस्थिति, भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लक्षद्वीप पर्यटन को बढ़ावा देना, मालदीव के मंत्रियों द्वारा भारतीयों की नस्लवादी आलोचना, भारतीय नागरिकों द्वारा शुरू किए गए प्रतिशोधात्मक बहिष्कार अभियान (पर्यटन के संदर्भ में) ने दोनों के बीच संबंधों में खटास पैदा कर दी है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजीव गांधी की तरह मालदीव मुद्दे को सुलझाने की सलाह दी है।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू हाल ही में चीन से माले (मालदीव की राजधानी) लौटे हैं। घर लौटते ही मुइज्जू ने कहा, भारत को 15 मार्च से पहले मालदीव से अपने सैनिक हटा लेने चाहिए| जहां मुइज्जू ने भारत पर अपने सैनिक वापस बुलाने का आदेश छोड़ा है, वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने सरकार को मुश्किल में डाल दिया है| स्वामी ने कहा, क्या मोदी मालदीव के मुद्दे पर बैठे रहेंगे या राजीव गांधी की तरह मालदीव में सेना भेजकर वहां सत्ता परिवर्तन कर देंगे?
स्वामी ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है| इसमें उन्होंने कहा है कि चीन का दौरा कर स्वदेश लौटे मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत सरकार को चेतावनी दी है कि 15 मार्च तक मालदीव से भारतीय सेना वापस बुला लें अन्यथा परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें| नमक हराम के बाद मालदीव ने भारत माता के चेहरे पर कीचड़ उछाला, क्या प्रधानमंत्री मोदी उसकी दुम पर बैठेंगे या राजीव गांधी की तरह मालदीव में सेना, वायुसेना और नौसेना भेजकर तख्तापलट करेंगे?
पिछली सरकार के अनुरोध के बाद भारत ने भेजी थी सेना मालदीव की पिछली सरकार ने भारत से मालदीव में भारतीय सेना की एक टुकड़ी तैनात करने का अनुरोध किया था। भारतीय सेना ने अपनी एक टुकड़ी को मालदीव में समुद्री सुरक्षा और आपातकालीन बचाव कार्यों के लिए भेजा है। लेकिन, नई सरकार (मोहम्मद मुइज्जू) ने भारत से अपनी सेना वापस बुलाने को कहा है|
मालदीव के राष्ट्रपति के कार्यालय ने नवंबर 2023 में भारतीय सेना को लेकर एक बयान जारी किया था| इसमें उन्होंने कहा था कि हमें उम्मीद है कि भारत हमारे लोगों की लोकतांत्रिक इच्छा का सम्मान करेगा और अपने सैनिकों को पीछे हटने का आदेश देगा।शनिवार को चीन से स्वदेश लौटने के बाद मुइज्जू ने परोक्ष रूप से भारत को चेतावनी दी। मुइज्जू ने कहा, भले ही हम एक छोटा देश हों, लेकिन किसी के पास हमें धमकाने या उत्पीड़न करने का लाइसेंस नहीं है। मुइज्जू ने किसी का नाम नहीं लिया था| लेकिन, कहा जा रहा है कि उनका सीधा इशारा भारत की ओर ही था|
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