मैरीटाइम बोर्ड ने 1 सितंबर से अलीबाग-मांडवा और गेटवे ऑफ इंडिया के बीच फेरी सेवा शुरू करने की मंजूरी दे दी है। यह मुंबई को जोड़ने वाला सबसे निकटतम और समय बचाने वाला मार्ग है और साल के तीन महीने यह सेवा बंद रहती है, जिससे यहां का पर्यटन व्यवसाय प्रभावित होता है। इसलिए सैलानियों समेत पर्यटकों की नजर इस बात पर है कि फेरी सेवा कब शुरू होगी|
जैसे ही यह मार्ग खुल रहा है, मुंबई से पर्यटकों का प्रवाह अलीबाग, मुरुड, श्रीवर्धन तालुका के पर्यटन स्थलों की ओर बढ़ जाएगा। मैरीटाइम बोर्ड की जानकारी के मुताबिक, नाव से यात्रा करने वालों की संख्या करीब 15 लाख है| इस जलमार्ग पर पीएनपी, मालदार, अजंता, अपोलो कंपनियों की यात्री नावें चलती हैं।
मांडवा बंदरगाह से हर आधे घंटे में एक नौका निकलती है। पीक आवर्स के दौरान यह औसत बढ़ जाता है। फेरी यात्रा स्पीड बोट, रो-रो की तुलना में अधिक किफायती है। वहीं, सड़क के गड्ढों, प्रदूषण, ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिए खासकर अलीबाग और मुरुड तालुका के यात्री मुंबई-गोवा हाईवे या अन्य मार्गों के बजाय अलीबाग, मुरुड से फेरी बोट का इस्तेमाल करते हैं।
पर्यटकों का सबसे पसंदीदा रूट: मुंबई में पर्यटकों का यह सबसे पसंदीदा रूट है। ऐतिहासिक प्रवेश द्वार क्षेत्र की चकाचौंध, प्रदूषण मुक्त जल यात्रा, यात्रा के दौरान सीगल की कंपनी और मुंबई में जल परिवहन का अनुभव अधिकांश पर्यटक इस सस्ते और अच्छे मार्ग को चुनते हैं। सफर के दौरान 19 किलोमीटर की दूरी कब खत्म होगी पता ही नहीं चलता| इसलिए बार-बार इस ओर आना चाहता हूं। चूंकि यह मार्ग आज यानि 1 सितंबर से खोला जाएगा, इसलिए यहां के पर्यटन पेशेवरों को उम्मीद है कि अलीबाग, मुरुड, श्रीवर्धन तालुका में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
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