इस घटना का वर्णन करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि हमने एक ऐतिहासिक मील का पत्थर पार कर लिया है| यूएनएलएफ ने आज नई दिल्ली में एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जो पूर्वोत्तर में स्थायी शांति लाएगा। मोदी सरकार के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है|अमित शाह ने कहा है कि मणिपुर घाटी के सबसे पुराने सशस्त्र समूह यूएनएलएफ ने हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में आने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है|मैं लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लौटने के लिए उनका स्वागत करता हूं। उनकी शांति और प्रगति की कामना करता हूं।
अमित शाह ने एक अन्य एक्स पोस्ट में कहा है कि भारत सरकार और मणिपुर राज्य सरकार ने यूएनएलएफ के साथ शांति समझौता किया है| यह शांति अधिनियम छह दशकों के सशस्त्र संघर्ष के अंत और एक नई शुरुआत का प्रतीक है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समावेशी नीति, समावेशी विकास की दृष्टि और पूर्वोत्तर भारत के युवाओं को बेहतर भविष्य प्रदान करने के खुले अभियान की एक बड़ी उपलब्धि है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में यूएनएलएफ समेत कई उग्रवादी और नक्सली संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया था| इस प्रतिबंध के कुछ ही दिनों के भीतर, यूएनएलएफ ने अपने हथियार डाल दिए और शांति समझौते पर सहमति व्यक्त की। इस संगठन पर मणिपुर में सुरक्षा बलों, पुलिस और नागरिकों पर हमला करने और कई हत्याओं को अंजाम देने का आरोप लगाया गया है।
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