​”नमस्ते शरद पवार बोल रहे हैं!” सुलगते मणिपुर में फंसे महाराष्ट्र के छात्रों का बचाव

इस घटना की गंभीरता को देखते हुए शरद पवार ने तुरंत मणिपुर के राज्यपाल को फोन किया| जिसके बाद महाराष्ट्र के 10 बच्चों सहित दूसरे राज्य के दो बच्चों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का अनुरोध किया गया|

​”नमस्ते शरद पवार बोल रहे हैं!” सुलगते मणिपुर में फंसे महाराष्ट्र के छात्रों का बचाव

"Namaste Sharad Pawar is speaking!" Maharashtra students rescued from smoldering Manipur

शरद पवार ने 2 मई से 5 मई तक तीन दिनों में एक बार फिर राज्य और देश को दिखा दिया है कि वह राज्य के केंद्र में नेता हैं।​​ सुलगते मणिपुर में फंसे महाराष्ट्र के बच्चों को शरद पवार ने सिर्फ एक फोन घुमाकर बचाया|​​ इस बात की जानकारी खुद शरद पवार ने आज दी है|
क्या हुआ?: सांगली के जाट तालुका के कुछ छात्र शिक्षा के उद्देश्य से मणिपुर में रह रहे हैं। लेकिन मणिपुर आग और  हिंसा की लपटों में घिरा हुआ है। इस सुलगते मणिपुर में महाराष्ट्र के छात्र फंस गए| जाट तालुका के आवंडी गांव निवासी संभाजी कोडग के पुत्र मयूर ने अपने पिता को फोन किया| मणिपुर के हालात बताए और कहा कि चारों तरफ से फायरिंग हो रही है, शायद ये मेरी आखिरी कॉल होगी|
​बेटे ने जब इस तरह का फोन किया तो पिता चिंतित हो गए। उसके बाद संभाजी कोडग ने बारामती के प्रह्लाद वारेन को बुलाया। मणिपुर दंगों में, महाराष्ट्र के 10 बच्चों को एक छात्रावास में फंसा बताया गया और उन्हें बचाने के लिए कुछ भी करने का अनुरोध किया गया। वारेन ने तब संभाजी कोडग से कहा कि वह 5 मई को शरद पवार से मिलेंगे।
​लेकिन मणिपुर में हालात बद से बदतर होते जा रहे थे। इसलिए संभाजी कोडग ने शरद पवार से अनुरोध किया। उसके बाद प्रह्लाद वारेन ने तुरंत शरद पवार के निजी सचिव सतीश राउत से संपर्क किया और उन्हें स्थिति के बारे में बताया| सतीश राउत ने यह सारा हाल सुना और तुरंत यह संदेश शरद पवार को भेजा। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए शरद पवार ने तुरंत मणिपुर के राज्यपाल को फोन किया| जिसके बाद महाराष्ट्र के 10 बच्चों सहित दूसरे राज्य के दो बच्चों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का अनुरोध किया गया|
​इसके बाद रात करीब 12 बजे संभाजी कोडग के बेटे मयूर के पास मणिपुर सेना के चीफ कमांडर का फोन आया और उन्होंने कहा कि हम आपको सुरक्षित स्थान पर ले जा रहे हैं। इन 12 छात्रों को रात में सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है| इससे पता चलता है कि एक तरफ तो शरद पवार अध्यक्ष पद से इस्तीफा वापस ले रहे थे, लेकिन दूसरी तरफ वे सार्वजनिक कार्यों में लगे रहे|
क्या कहा शरद पवार ने?: मणिपुर के आईआईटी शिक्षण संस्थान ने कुछ छात्रों फंसे हुए हैं|इन छात्रों के माता-पिता ने मुझसे संपर्क किया। शरद पवार ने स्पष्ट किया है कि अब मैं मणिपुर में फंसे इन बच्चों को वापस लाने के लिए सरकार के लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से चर्चा कर रहा हूं| वहीं इन बच्चों के माता-पिता ने तुरंत पलट कर बच्चों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की व्यवस्था करने के लिए शरद पवार का धन्यवाद किया है|
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