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Monday, November 25, 2024
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मणिपुर में महिला अत्याचार ​मामला: जांच सीबीआई​ को​ सौंपी​, इंफाल में मैतेई का मार्च​!

सरकार ने इस मामले की जांच 'सीबीआई' को सौंपने का फैसला किया है, जिसे मणिपुर में हिंसा से जुड़े छह मामलों की जांच की जिम्मेदारी दी गई है|  इस बीच शनिवार को इंफाल में 'मणिपुर इंटीग्रेशन' की ओर से मार्च निकाला गया| कूकी समुदाय के निवास वाले क्षेत्रों के लिए 'स्वतंत्र प्रशासन' बनाने की मांग के खिलाफ 'समन्वय समिति'।

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मणिपुर में दो महिलाओं से सामूहिक बलात्कार मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी गई है। उधर, इंफाल में कुकियों के लिए स्वतंत्र प्रशासन की मांग के खिलाफ मार्च निकाला गया और साथ ही विपक्षी दलों ‘इंडिया’ अलायंस का एक प्रतिनिधिमंडल भी राज्य पहुंचा|अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है| सरकार ने इस मामले की जांच ‘सीबीआई’ को सौंपने का फैसला किया है, जिसे मणिपुर में हिंसा से जुड़े छह मामलों की जांच की जिम्मेदारी दी गई है|  इस बीच शनिवार को इंफाल में ‘मणिपुर इंटीग्रेशन’ की ओर से मार्च निकाला गया| कूकी समुदाय के निवास वाले क्षेत्रों के लिए ‘स्वतंत्र प्रशासन’ बनाने की मांग के खिलाफ ‘समन्वय समिति’।

मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने की मांग करते हुए पांच जिलों के हजारों नागरिकों ने मार्च में भाग लिया। हाथों में तख्तियां लिए प्रदर्शनकारियों ने स्वतंत्र शासन की मांग करने वालों और म्यांमार से कथित घुसपैठियों के खिलाफ नारे लगाए। यह आरोप लगाते हुए कि प्रशासन चिन-कुकी-ज़ोमी आदिवासियों की रक्षा करने में पूरी तरह से विफल रहा है, मणिपुर में कुकी समुदाय के दस विधायकों ने कुकी के लिए एक अलग प्रशासन की मांग की। अलग प्रशासन की मांग कर रहे कुकी समुदाय के विधायकों ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि ‘अलग प्रशासन’ का मतलब क्या है और किस हिस्से के लिए है|मैतेई मार्चिंग कमेटी को गृह मंत्रालय की टीम और पूर्व कुकी विद्रोहियों के बीच दिल्ली में वर्तमान में चल रही कथित बातचीत के खिलाफ भी कहा गया था।

इस बीच, मणिपुर में आदिवासी संगठन ‘इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ ने शनिवार को विपक्षी दलों के ‘भारत’ गठबंधन को पत्र लिखकर राज्य में राष्ट्रपति शासन और स्वतंत्र प्रशासन की मांग का समर्थन करने की मांग की। मैतेई लोगों की संख्या कुल 53 फीसदी है। मणिपुर की जनसंख्या अधिकांश मैती इम्फाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी-नागा और कुकी आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

क्या है मामला?: 4 मई को मणिपुर में भीड़ ने दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनका यौन उत्पीड़न किया था। घटना की फुटेज सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद देशभर में गुस्से की लहर दौड़ गई|पुलिस ने इस मामले में 18 मई को अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज किया था| मणिपुर में हुई हिंसा में अब तक 150 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं|
शनिवार की घटनाए..: ‘कुकीज़ के लिए ‘स्वतंत्र प्रशासन’ की मांग के ख़िलाफ़ मैतेई के संगठनों ने मार्च निकाला| विपक्षी दलों के ‘भारत’ गठबंधन के सांसदों की एक टीम ने मणिपुर में प्रवेश किया, हिंसा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। कुकी समुदाय की ‘इंडिया’ गठबंधन से मांग कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर स्वतंत्र प्रशासन बनाने की मांग का समर्थन किया जाए|
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