अजमेर दरगाह के सामने नूपुर शर्मा के ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाने वाला मौलाना कोर्ट से बरी!

कोर्ट का कहना है की जिस वीडिओ में चिश्ती और अन्य नारे लागते दिख रहे है वो निर्णायक नहीं है। साथ ही पुलिस के बयान को कोर्ट ने निरीक्षण में लेने से मना कर दिया है।

अजमेर दरगाह के सामने नूपुर शर्मा के ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाने वाला मौलाना कोर्ट से बरी!

Maulana who raised slogans of 'Sar Tan Se Juda' of Nupur Sharma in front of Ajmer Dargah acquitted by the court!

मंगलवार (16 जुलाई) कोर्ट ने अजमेर दरगाह के खादिम मौलवी गौहर चिश्ती और उसके साथ के पांच अन्य आरोपियों को केस से बरी कर दिया है। वर्ष 2020 में बीजेपी नूपुर शर्मा के मौलाना को दिए जवाब के बाद देश में बड़ा बखेड़ा खड़ा हुआ था। रैडिकल मुसलमानों ने जगह जगह पर मोर्चे और आंदोलन कर नूपुर शर्मा के लिए ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगवाए थे। इसी नारों की वजह से मासूम दर्जी कन्हैयालाल का खून किया गया।

इसी बीच अजमेर के गौहर चिश्ती और उनके साथियों का ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाने का वीडिओ खूब वायरल भी हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने मौलाना सहित उसके पांच साथियों पर मामला दर्ज किया। मौलाना फरार होकर हैदरबाद में छुपा हुआ था, जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया। इसीके साथ उनका एक साथी अहसानुल्ला अभी भी फरार है। बता दें इनका साथी अहसानुल्ला न्यायालय से बेल लेकरबाहर आया था तबसे फरार है।

अब इस केस में एडीजे-4 कोर्ट ने बरी किया है। कोर्ट का कहना है की जिस वीडिओ में चिश्ती और अन्य नारे लागते दिख रहे है वो निर्णायक नहीं है। साथ ही पुलिस के बयान को कोर्ट ने निरीक्षण में लेने से मना कर दिया है। इसी के साथ बचाव पक्ष के वकील अजय वर्मा का कहना है की नारे लगते वीडिओ का वेरिफिकेशन नहीं किया है और पुलिस ने भी नारे लगाने वाली जगह का नक्शा नहीं बनाया साथ ही पुलिस ने अपनी मौजूदगी का कोई दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत नहीं किए है। पर्याप्त साक्ष्य न होने की वजह से इन्हे आरोपों से बरी कर दिया गया है।

वही दूसरी तरफ सरकारी वकील गुलाम फारुकी ने कहा है की इस निर्णय की वर्तमान में सिर्फ घोषणा हुई है न्यायालय से यह निर्णय आउट नहीं हुआ है। साथ ही सरकारी वकील का कहना है की न्यायालय का निर्णय आने के बाद उसका सम्पूर्ण अभ्यास कर हम उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।

जानकारी के अनुसार, सरकारी वकील फारूकी ने बताया कि इस पूरे प्रकरण का एक वीडियो सामने आया था। वीडियो के आधार पर अजमेर के रहने वाले चार आरोपियों में ताजिम सिद्दीकी, फखर जमाली, रियाज हसन दल, मोईन खान, नासिर खान को गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान मौलाना गौहर चिश्ती फरार हो गया था।

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