बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार मॉरीशस के नेशनल डे पर मुख्य अतिथि थे, पहली बार 2015 में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। समारोह के दौरान मॉरीशस के राष्ट्रपति धर्मबीर गोखूल ने प्रधानमंत्री मोदी को मॉरीशस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन’ (जी.सी.एस.के) पुरस्कार से सम्मानित किया।
नेशनल डे समारोह के दौरान भारतीय नौसेना की एक मार्चिंग टुकड़ी ने परेड में भाग लिया। विदेश मंत्रालय ने एक्स पोस्ट में लिखा, “भारत-मॉरीशस द्विपक्षीय संबंधों में एक मील का पत्थर- हमारी बढ़ी हुई रणनीतिक साझेदारी से इस क्षेत्र की ताकत और बढ़ेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यादगार यात्रा के बाद मॉरीशस से रवाना हुए। प्रधानमंत्री रामगुलाम ने प्रधानमंत्री को हवाई अड्डे पर विदा किया।”
इससे पहले मॉरीशस के प्रधानमंत्री रामगुलाम ने मंगलवार को हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया था।
मॉरीशस छोड़ने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा तालाब का दौरा किया। उन्होंने वहां प्रार्थना की। इस दौरान पीएम मोदी ने प्रयागराज महाकुंभ का वहां अर्पित किया। महाकुंभ मेले से पवित्र जल को गंगा तालाब में लाने का प्रधानमंत्री का इशारा न केवल दोनों देशों के बीच आध्यात्मिक एकता को दर्शाता है, बल्कि उन समृद्ध परंपराओं को संरक्षित और आगे बढ़ाने की उनकी प्रतिबद्धता को भी दिखाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मॉरीशस के गंगा तालाब पर आना बहुत ही भावनात्मक अनुभव है। इसके पवित्र जल के किनारे खड़े होकर, कोई भी व्यक्ति गहरे आध्यात्मिक जुड़ाव को महसूस कर सकता है, जो सीमाओं से परे है और लोगों की पीढ़ियों को उनकी जड़ों से जोड़ता है।
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