बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के घर हुए हमले को लेकर अखिलेश यादव पर निशाना साधा। उन्होंने आगरा की इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सपा को सिर्फ अपने नेताओं पर हुए हमलों की याद रहती है, लेकिन 1995 में लखनऊ स्टेट गेस्ट हाउस में उन पर हुए जानलेवा हमले को भी अखिलेश यादव को याद करना चाहिए।
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लगातार पोस्ट कर सपा को घेरा। उन्होंने कहा कि सपा मुखिया को अपने अतीत की ओर देखना चाहिए और यह याद रखना चाहिए कि उनकी पार्टी ने कभी किस तरह का व्यवहार किया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सपा अब आगरा की घटना की आड़ में राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश न करे और दलित समाज को गुमराह करना बंद करे।
आगरा में सपा सांसद रामजी लाल सुमन के घर पर बुधवार(26 मार्च) को हमला हुआ था। उन्होंने राणा सांगा को ‘गद्दार’ कहते हुए विवादित बयान दिया था, जिससे देशभर में रोष फैला है। साथ ही हिंदू समाज की ओर से उन्हें माफ़ी मांगने को कहा गए है। इसके बाद कुछ लोगों ने उनके घर पर हमला कर दिया। सपा ने इसे भाजपा सरकार की दलित विरोधी मानसिकता करार दिया।
मायावती ने सपा पर आरोप लगाया कि वह अपने राजनीतिक लाभ के लिए दलित नेताओं को मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब सपा इस तरह की राजनीति कर रही है। उन्होंने आगरा की घटना को दुखद बताया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि सपा को अपने स्वार्थी एजेंडे के लिए दलितों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
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उन्होंने यह भी कहा कि सपा के कुछ नेता अब यह तय करने लगे हैं कि किस समुदाय में सुगंध है और किसमें दुर्गंध, जो समाज में तनाव पैदा कर सकता है। उन्होंने इसे बेहद आपत्तिजनक करार दिया और कहा कि इससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में मामला अब गरमा गया है। जहां सपा इसे दलित उत्पीड़न का मामला बता रही है, वहीं बसपा इसे राजनीतिक नाटक करार दे रही है।