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Saturday, September 21, 2024
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उद्धव और संजय राउत के बीच क्या चर्चा हुई? पवार ने कहा, ‘कुछ मुद्दों पर अलग राय…’

शिवसेना (ठाकरे गुट) पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत मुंबई में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से उनके आवास पर मिलने गए। सवा घंटे तक चली बैठक में वास्तव में क्या चर्चा हुई, इस पर खुद शरद पवार ने अपनी राय रखी है|

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उद्योगपति गौतम अडानी के मुद्दे पर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेताओं के बीच मतभेद की बात सामने आने के बाद महा विकास अघाड़ी की चर्चा छिड़ गई|मविअ टिकेंगे या नहीं इस पर कई तर्क दिए गए। बीजेपी ने यह भी दावा किया कि वह मविअ की आलोचना नहीं करेगी। इसके बाद शिवसेना (ठाकरे गुट) पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत मुंबई में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से उनके आवास पर मिलने गए। सवा घंटे तक चली बैठक में वास्तव में क्या चर्चा हुई, इस पर खुद शरद पवार ने अपनी राय रखी है|

शरद पवार ने कहा कि हालांकि कुछ मुद्दों पर अलग-अलग राय है, लेकिन हमारी चर्चा हुई कि महाविकास अघाड़ी में शामिल सभी दल एक दिमाग से काम करें|उसी के अनुरूप कुछ कार्यक्रम तय किए गए हैं। यह हमारी नीति है कि सभी को उन कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए।

इस बीच महाविकास अघाड़ी में तीन दलों के स्वतंत्रता सेनानी सावरकर, अडानी की उपाधि को लेकर तीन दिशाओं में आमने-सामने होने के मद्देनजर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच चर्चा घटक दलों के बीच समन्वय बनाए रखने और आगामी चुनाव का संयुक्त रूप से सामना करने पर केंद्रित रही|हालांकि ठाकरे समूह और प्रकाश अंबेडकर के वंचित अघाड़ी ने गठबंधन किया, लेकिन वे वंचितों के महाविकास अघाड़ी में प्रवेश पर सहमत नहीं हो सके।

महाविकास अघाड़ी के पिछले कुछ दिनों से सामने आ रहे परस्पर विरोधी पदों की पृष्ठभूमि में मंगलवार को पवार और उद्धव ठाकरे के बीच पवार के ‘सिल्वर ओक’ आवास पर एक बैठक हुई। इस मौके पर सांसद सुप्रिया सुले और संजय राउत मौजूद रहे|प्रदेश में इस समय महाविकास अघाड़ी की बड़ी बैठकें नागपुर अधिवेशन 16 अप्रैल को है। सभाओं के माध्यम से मोर्चा के एकजुट रुख को लोगों तक पहुंचाया जाए। इस बात पर चर्चा हुई कि मतभेद पैदा करने वाले विवादास्पद मुद्दों को सामने रखने से बचना चाहिए।

बैठक में हुई गलतियों को अगली बैठक में नहीं दोहराया जाए। समझा जाता है कि बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपाधि के बारे में संदेह पर चर्चा नहीं की जानी चाहिए। समझा जाता है कि बैठक में यह निर्णय लिया गया कि महाविकास अघाड़ी राज्य और केंद्र में एकजुट रहे और जो संविधान के खिलाफ हैं, उनके खिलाफ अघाड़ी लड़ेगी| बड़ी बैठक को लेकर चर्चा के दौरान दोनों नेताओं ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले से दूर रहने की भूमिका पर चर्चा की| इस संबंध में तय हुआ कि शरद पवार कांग्रेस पार्टी के नेताओं से बात करें|

कांग्रेस के बारे में भी बात करें: सावरकर और अडानी के दो मुद्दों पर महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस और एनसीपी और शिवसेना का रुख अलग है| इन मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने का प्रयास किया जाएगा। वही, दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं के आग उगलने की भी चर्चा हुई।
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