आसाम में ‘मियां’ विवाद, मुख्यमंत्री के खिलाफ 18 दलों की एकजुट !

नागरीकों के बीच नफ़रत को बढ़ावा देनें का आरोप लगते हुए विपक्ष के 18 दलों ने मुख्यमंत्री हिमंत सरमा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की है।

आसाम में ‘मियां’ विवाद, मुख्यमंत्री के खिलाफ 18 दलों की एकजुट !

'Mian' controversy in Assam, 18 parties united against the Chief Minister!

आसाम की विधानसभा में नागांव 14 वर्षीय नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या प्रकरण पर चर्चा काफी गर्माई थी। वहीं आसाम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने विपक्ष को घेर कर उनके तुष्टिकरण की राजनीती के परिणाम दिखते हुए तीखी टिप्पणियां भी की। दरम्यान हिमंत सरमा ने अपने बयान में कहा की वो निचले आसाम के लोगों को पुरे आसाम पर कब्जा नहीं करने देंगे। विपक्ष का आरोप है की मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का निचले आसाम के मुसलमानों को आसाम पर कब्ज़ा न कर देनी की बात कहना पक्षपाती था।

मुख्यमंत्री के निचले आसाम के बांग्लाभाषी मियां मूसलमानों को ऊपरी इलाकों में बसने न देना पक्षपाती पूर्ण होने की बात विपक्ष से दोहराई जा रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेन बोराह ने कहा,”असम में 18 विपक्षी दल हैं जिन्होंने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से आसाम के मुख्यमंत्री सांप्रदायिक दंगे कराने की कोशिश कर रहे हैं और विधानसभा के अंदर भी संवेदनशील बयान दे रहे हैं। हम इस बारे में राष्ट्रपति को भी लिखेंगे।”

विधानसभा में बयानबाजी और विवाद के बीच AIUDF के रफुकुल इस्लाम ने कहा था निचले आसाम के लोग उपरी आसाम में जाएंगे क्यूंकि वो उनका अधिकार है, जिसपर मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने कहा, “निचले असम के लोग ऊपरी असम में क्यों जाएंगे? ताकि मिया मुस्लिम असम पर कब्जा कर सकें? हम ऐसा नहीं होने देंगे।”

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विधानसभा में बयानबाजी के बीच विपक्ष ने जब पक्षपात का आरोप लगाया तब मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, “मैं पक्ष लूंगा. आप इसके बारे में क्या कर सकते हैं?”, जिसके बाद विपक्ष ने मुद्दे को उठा लिया है। हिमंत सरमा अपने बयानों से नागरीकों के बीच नफ़रत को बढ़ावा देनें का आरोप लगते हुए विपक्ष के 18 दलों ने मुख्यमंत्री हिमंत सरमा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की है।

विवाद बढ़ने के बाद हिमंत सरमा फिर सामने आए है, उन्होंने कहा है, “मैंने वही पैराग्राफ दोहराए हैं जो असम के पहले मुख्यमंत्री स्वर्गीय लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई ने विधानसभा में कहा था। पूर्व मुख्यमंत्री बिष्णुराम मेधी ने भी कहा था। मैंने इसे न तो जोड़ा और न ही संशोधित किया। अगर वे एफआईआर दर्ज करना चाहते हैं तो उन्हें हर किसी के खिलाफ दर्ज करना होगा. मुझे उन पर दया आती है।”

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