उत्तरप्रदेश के अयोध्या जिले के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में बुधवार (5 फरवरी) को उपचुनाव जारी है। इसी बीच उपचुनाव में समाजवादी सुप्रीमो ने एक्स अकाउंट से ट्वीट कर फिर एक बार झूठी खबर का प्रचार किया है। इस बार अखिलेश यादव के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए अयोध्या पुलिस ने उन्हें भ्रामक जानकारी न फ़ैलाने की मांग की है।
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर दावा किया था की, “चुनाव आयोग को इस खबर से जुड़ी तस्वीरों का तत्काल संज्ञान लेना चाहिए कि अयोध्या पुलिस मिल्कीपुर में मतदाताओं के पहचान पत्र की जांच कर रही है, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। मतदाताओं में भय पैदा कर मतदान को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने का यह लोकतांत्रिक अपराध है। ऐसे लोगों को तत्काल हटाया जाना चाहिए और दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।”
अखिलेश यादव ने दावा किया कि पुलिस मतदाताओं के आईडी कार्ड की जांच कर रही है। एक्स पर एक पोस्ट में यादव ने चुनाव आयोग से इसमें शामिल लोगों को हटाने के लिए कारवाई की मांग की।
वही अयोध्या पुलिस ने उन्होंने कहा, “ऊपर दी गई तस्वीर बूथ एजेंट के पहचान पत्र की है, तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति किसी उम्मीदवार का बूथ एजेंट है, जिसकी पुष्टि उसके पहचान पत्र को देखकर की गई है। कृपया भ्रामक ट्वीट न करें।”
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अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित इस निर्वाचन क्षेत्र के 370,829 मतदाता चुनावी मैदान में उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे, जबकि मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी के अजीत प्रसाद और भाजपा के चंद्रभानु पासवान के बीच होने की उम्मीद है।
बता दें की ये कोई पहली बार नहीं जब अखिलेश यादव् ने भ्रामक ट्वीट किए हों। अखिलेश यादव अखिलेश यादव ने अपने अधिकृत एक्स हैंडल से वर्ष 2006 की खबर को तारीख बिना बताए ही पोस्ट कर दिया था, जिससे हिंदू और जैन समाज में तनावपूर्ण वातावरण बन सकता था। साथ ही इससे पूर्व समाजवादी नेता अखिलेश ने इस देढ मिनट के वीडिओ को महज 28 सेकंद तक काटकर समाज माध्यमों पर फैलाया और पुलिस पर कारवाई की मांग की। इस वाकिए के बाद लोगों ने अखिलेश यादव को पुरे वीडिओ भेजें थे, लेकीन अखिलेश ने भ्रामक वीडिओ फ़ैलाने को लेकर कभी माफ़ी नहीं मांगी।
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