मुंबई – महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार में हो रही देरी के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ रहे शिवसेना विधायक भरत गोगावले ने बड़ा खुलासा किया है। गोगावले ने कहा कि कुछ विधायकों ने मंत्री बनने के लिए कई हथकंडे अपनाए| रायगढ़ में एक राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान गोगवले ने दावा किया कि कुछ विधायकों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को कैबिनेट में जगह दिलाने के लिए ब्लैकमेल किया था।
अपने भाषण में उन्होंने कहा कि मैं मंत्री पद की दौड़ में था, लेकिन जब मुख्यमंत्री के सामने दिक्कतें आने लगीं तो मैं पीछे हट गया क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि हमारे मुख्यमंत्री किसी मुसीबत में पड़ें| उन्होंने कहा कि एक विधायक ने आकर कहा कि अगर मैं मंत्री नहीं बना तो मेरी पत्नी आत्महत्या कर लेगी| दूसरे ने कहा, अगर मैं मंत्री नहीं बना तो नारायण राणे मेरी राजनीति खत्म कर देंगे। एक विधायक ने कहा कि विधायक गोगवले ने दावा किया है कि शपथ ग्रहण समारोह खत्म होते ही वह इस्तीफा दे देंगे|
बाद में एक भाषण में, गोगावले ने ऐतिहासिक कहानी सुनाई कि कैसे संकट के समय छत्रपति शिवाजी महाराज को उनके सैनिक तानाजी मालुसरे ने बचाया था। उन्होंने दिखाया कि कैसे तानाजी मालुसरे ने कोंढाणा किले पर विजय प्राप्त की। गोगावले ने दावा किया कि जिस तरह मालुसरे ने किले पर कब्जा करने के लिए अपने राजा के लिए लड़ने का फैसला किया, उसी तरह हमने मंत्री बनने के लिए अपनी सीट छोड़ दी| उन्होंने कहा कि एक हफ्ते बाद उनके बेटे की शादी थी|
उन्होंने आगे खुलासा किया कि शपथ ग्रहण समारोह से एक दिन पहले मुख्यमंत्री शिंदे और उन्होंने स्थिति को समझने के लिए प्रत्येक विधायक को फोन किया था। उन्होंने संभाजीनगर के एक विधायक को फोन किया और कहा कि इतनी जल्दी क्यों है? उनके जिले से दो नाम पहले ही चयनित हो चुके हैं, लेकिन उनके रायगढ़ जिले से तीन में से एक भी नाम सूची में नहीं है। वे प्रतीक्षा करने के लिए सहमत हुए और आश्वस्त हुए|
हालांकि, गोगावले ने कहा कि दूसरे विधायक की पत्नी की जान बचानी थी, इसलिए उन्हें मंत्री बनाया गया| इसके साथ ही नारायण राणे के गढ़ में अपनी सीट बरकरार रखने के लिए अन्य विधायकों को भी मंत्री बनाया गया| तब से मुझे इंतजार करने के लिए कहा गया है और मैं अभी भी अपने नंबर का इंतजार कर रहा हूं|
यह भी पढ़ें-
राहुल गांधी ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदले जाने पर कही ये बात