दशहरा मेले को लेकर मनसे ने उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना !

देशपांडे ने मनसे के गठन के बाद रेलवे भर्ती आंदोलन और मस्जिदों के खिलाफ आंदोलन का भी जिक्र किया| ऐसे समय में जब अप्रवासी मराठी लोगों की नौकरी खा रहे थे। उस रेलवे भर्ती का सबसे बड़ा आंदोलन राज ठाकरे के नेतृत्व में हुआ। आपने उस समय क्या किया था?

दशहरा मेले को लेकर मनसे ने उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना !

MNS targets Uddhav Thackeray over Dussehra fair

​महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के पूर्व पार्षद और पार्टी अध्यक्ष राज ठाकरे के करीबी संदीप देशपांडे ने दशहरा सभा के मुद्दे पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की आलोचना की है| देशपांडे ने रैली का मजाक उड़ाते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे, जिन्होंने रजा अकादमी के मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं कहा लोग पूछ रहे थे कि उन्होंने हिंदू धर्म क्यों छोड़ा। ​उन्होंने रेलवे भर्ती के लिए राज ठाकरे के नेतृत्व वाले आंदोलन का भी जिक्र किया। इसी तरह, उन्होंने यह भी कहा कि ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दोनों की सभाओं का इस्तेमाल एक-दूसरे का अपमान करने के लिए किया गया था।
आज मुंबई में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों ने देशपांडे से पूछा, दो दशहरा सभाएं हुईं, ठाकरे के तीर और शिंदे का जवाब, आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या है? इसका जवाब देते हुए देशपांडे ने अपनी राय रखी कि मुझे लगा कि यह नल को लेकर लड़ाई है​, लेकिन जिस तरह से दशहरा की सभा हुई, उसे देखते हुए हमने नल को लेकर झगड़ों और मारपीट को देखा। यानी की दशहरा सभा उस स्तर की थी कि मेरी बाल्टी क्यों आगे बढ़ी, तुम्हारी बाल्टी क्यों आगे बढ़ी। जिस तरह से मुद्दों को उठाया गया उसमें विचार का कोई लेना-देना नहीं था। मुझे लगता है कि इस सभा का इस्तेमाल एक दूसरे का अपमान करने के लिए किया गया था।
​देशपांडे ने मनसे के गठन के बाद रेलवे भर्ती आंदोलन और मस्जिदों के खिलाफ आंदोलन का भी जिक्र किया|उस रेलवे भर्ती का सबसे बड़ा आंदोलन राज ठाकरे के नेतृत्व में हुआ। आपने उस समय क्या किया था? जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ता राज ठाकरे के आदेश पर मस्जिदों से अनाधिकृत लाउडस्पीकर​​ हटाने का विरोध कर रहे थे| उस समय जब हम पर केस थोपे जाते थे ? क्या यही आपका हिंदुत्व है?
 
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