प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार(31 अक्तूबर) को सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर गुजरात स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से देश को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज भारत का जवाब पहले से कहीं अधिक मजबूत, निर्णायक और स्पष्ट है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में हाल ही में चर्चा में आए ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि इस मिशन ने दुनिया को दिखा दिया कि भारत दुश्मन के घर में घुसकर वार करने की क्षमता रखता है।
पीएम मोदी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरी दुनिया ने देखा कि अगर कोई भारत की ओर आंख उठाने की हिम्मत करता है, तो भारत दुश्मन के घर में घुसकर मारता है । आज पाकिस्तान और आतंकवाद के आकाओं को पता है कि भारत की असली ताकत क्या है।”
उन्होंने इस अवसर पर सरदार पटेल के राष्ट्रनिर्माण के योगदान को याद करते हुए कहा कि भारत की यह आत्मविश्वासी सुरक्षा नीति पटेल की आत्मनिर्भर और एकजुट भारत की दृष्टि से प्रेरित है।
राष्ट्र्रीय एकता दिवस के मंच से प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा, यह कहते हुए कि उसने पटेल की सोच और राष्ट्रहित की भावना को भुला दिया उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पटेल के आदर्शों पर चलते हुए न केवल बाहरी खतरों, बल्कि जैसे नक्सलवाद और घुसपैठ जैसी आतंरिक चुनौतियों पर भी निर्णायक कार्रवाई कर रही है।
मोदी ने कहा, “2014 से पहले नक्सलियों का कानून चलता था। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल उड़ाए जाते थे और प्रशासन बेबस था। हमने शहरी नक्सलवाद पर कड़ा प्रहार किया। परिणाम आज दिख रहा है, पहले जहां 125 जिले नक्सल प्रभावित थे, अब यह संख्या घटकर सिर्फ 11 रह गई है और नक्सलियों का प्रभाव तीन जिलों तक सीमित है।”
प्रधानमंत्री ने घुसपैठ को राष्ट्रीय एकता के लिए गंभीर खतरा बताते हुए कहा, “वोट बैंक की राजनीति के लिए पिछली सरकारों ने देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया। जो लोग घुसपैठियों के लिए लड़ते हैं, उन्हें देश की कमजोरी की परवाह नहीं है। लेकिन जब भारत की सुरक्षा और पहचान खतरे में होती है, तो हर नागरिक जोखिम में होता है।” उन्होंने दोहराया, “हमारा संकल्प होना चाहिए कि भारत में अवैध रूप से रह रहे हर घुसपैठिए को हटाया जाए।”
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार पटेल के एकता संदेश को दोहराते हुए कहा, “एकजुट भारत में विचारों की विविधता का सम्मान होना चाहिए। मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं।” इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उपस्थित जनसमूह को ‘एकता दिवस प्रतिज्ञा’ दिलाई।
सरदार पटेल के ऐतिहासिक योगदान की स्मृति में राष्ट्रीय एकता दिवस हर वर्ष 31 अक्टूबर को मनाया जाता है, जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद 562 रियासतों का भारत में विलय कर एक अखंड राष्ट्र की नींव रखी थी।
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