भूटान से लौटने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट में घायल हुए लोगों से मिलने एलएनजेपी अस्पताल जाएँगे। इसके बाद, वह सुरक्षा संबंधी कैबिनेट बैठक में भी शामिल हो सकते हैं। इससे पहले, भूटान की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि लाल किला विस्फोट मामले के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कड़ा संदेश दिया था कि विस्फोट में शामिल आरोपियों को किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जाएगा।
भूटान में अपने भाषण में लाल किले के पास हुए विस्फोट का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, “आज मैं बहुत दुखी मन से यहां आया हूं। मैं प्रभावित परिवारों के साथ हूं। दुख की इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ खड़ा है। इस विस्फोट के लिए जिम्मेदार किसी भी साजिशकर्ता को बख्शा नहीं जाएगा, दोषियों को कड़ी सजा जरूर मिलेगी।” गौरतलब है कि देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास एक विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट में कम से कम 10 लोग मारे गए और कई घायल हो गए। घायलों को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमले की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की जांच की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई है। इससे पहले, 500 से अधिक अधिकारियों और कर्मियों वाली एक विशेष जांच टीम का भी गठन किया गया था।
Went to LNJP Hospital and met those injured during the blast in Delhi. Praying for everyone’s quick recovery.
Those behind the conspiracy will be brought to justice! pic.twitter.com/HfgKs8yeVp
— Narendra Modi (@narendramodi) November 12, 2025
लाल किले के पास हुए विस्फोट से पहले, जांच एजेंसियों ने हरियाणा के फरीदाबाद में एक डॉक्टर के फ्लैट से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त की थी। फरीदाबाद के इस आतंकी मॉड्यूल में शामिल दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है, जो ‘अल फलाह विश्वविद्यालय’ से जुड़े हैं। गिरफ्तारी के बाद, अल फलाह विश्वविद्यालय ने एक आधिकारिक बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि उनका इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है।
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