वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा पेश किए बजट में प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण की सीमा को 10 को अब 20 लाख रुपए कर दिया गया है। आप को बता दें की इससे पहले 10 लाख थी जिसे मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में 100 प्रतिशत से बढाकर 20 लाख कर दिया है।
आपकों बता दें की, हाल ही में आई एसबीआई कि इकोनॉमिक रिसर्च रिपोर्ट में यह उल्लेखित किया गया था की भारत में पिछले दस वर्षों में MSME लक्षणीय संख्या में बढ़ी है, जिससे लगातार रोजगार के अवसर और सेवा क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में इन MSME से बड़े पैमाने पर स्वयं रोजगार के साथ रोजगार निर्माण भी हो रहा है। MSME की सफलता देख मोदी सरकार द्वारा मुद्रा लोन की सीमा बढ़ाना जाहिर था।
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माइक्रो-लघु-माध्यम इंटरप्राइज (MSME) के लिए बजट में कई प्रावधान किए गए है:
- खरीदारों को ट्रेड्स प्लेटफार्म को शामिल करने के लिए कारोबार की सिमा 500 करोड से घटाकर 250 करोड़ कर दिया जाएगा।
- MSME क्षेत्र में उत्पादों के लिए 50 विविध खाद्यपदार्थों के इरेडिएशन यूनिट स्थापित करने के लिए वित्तीय सहाय्य दिया जाएगा।
- अंतर्राष्ट्रीय बाजार में करगिरों द्वारा निर्मित उत्पादों को बेचने के लिए पीपीपी मोडल पर ईकॉमर्स स्थापित किया जाएगा।
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