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मुंबई BMC चुनाव की तारीखों का ऐलान: 15 जनवरी को मतदान, 16 जनवरी को नतीजे

नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 23 दिसंबर से 30 दिसंबर तक चलेगी। नामांकन पत्रों की जांच 31 दिसंबर को की जाएगी। उम्मीदवार 2 जनवरी 2026 तक अपना नामांकन वापस ले सकेंगे।

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मुंबई की बहुप्रतीक्षित बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने आखिरकार तारीखों का ऐलान कर दिया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त दिनेश वाघमारे ने सोमवार (15 दिसंबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि मुंबई में बीएमसी चुनाव 15 जनवरी को कराए जाएंगे, जबकि मतगणना 16 जनवरी को होगी। इसके साथ ही मुंबई के 227 वार्डों के लिए चुनावी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जिसका इंतजार राजनीतिक दल और मतदाता लंबे समय से कर रहे थे।

BMC देश की सबसे समृद्ध नगर निकायों में से एक है और फिलहाल यह लगभग चार वर्षों से राज्य सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासक के अधीन चल रही है। यह स्थिति BMC के 150 वर्ष से अधिक के इतिहास में सबसे लंबी अवधि मानी जा रही है। बीएमसी का निर्वाचित कार्यकाल 7 मार्च 2022 को समाप्त हो गया था, लेकिन विभिन्न कानूनी और प्रशासनिक कारणों से चुनाव टलते रहे। इससे पहले आखिरी बार बीएमसी चुनाव फरवरी 2017 में कराए गए थे।

राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि मुंबई के अलावा महाराष्ट्र की 28 अन्य नगर निगमों के चुनाव की तारीखें भी घोषित कर दी गई हैं। इनमें पुणे, नागपुर, ठाणे और नासिक जैसे बड़े नगर निगम शामिल हैं। इससे राज्य में स्थानीय निकाय राजनीति एक बार फिर तेज होने की उम्मीद है।

चुनावी कार्यक्रम के अनुसार, नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 23 दिसंबर से 30 दिसंबर तक चलेगी। नामांकन पत्रों की जांच 31 दिसंबर को की जाएगी। उम्मीदवार 2 जनवरी 2026 तक अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। चुनाव चिह्नों का आवंटन और अंतिम उम्मीदवारों की सूची 3 जनवरी को जारी की जाएगी। इसके बाद 15 जनवरी को मतदान होगा और 16 जनवरी को नतीजों की घोषणा की जाएगी।

राजनीतिक समीकरणों की बात करें तो सत्तारूढ़ महायुति, में भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना (शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) बीएमसी चुनाव एक साथ लड़ने की तैयारी में है। वहीं, विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के भीतर राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) को लेकर मतभेद सामने आ रहे हैं। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) एमएनएस के साथ गठबंधन के पक्ष में है, जबकि कांग्रेस आशंकित है कि इससे उत्तर भारतीय मतदाताओं पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

2017 के बीएमसी चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो तब अविभाजित शिवसेना ने 227 में से 84 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को 82 सीटें मिली थीं। उस समय दोनों दल गठबंधन में थे। कांग्रेस ने 31 सीटें हासिल की थीं, जबकि संयुक्त एनसीपी को 13 सीटें मिली थीं। राज ठाकरे की एमएनएस ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी। करीब चार साल बाद हो रहे इन चुनावों को न केवल मुंबई की स्थानीय शासन व्यवस्था के लिहाज से अहम माना जा रहा है, बल्कि यह महाराष्ट्र की राजनीति की दिशा तय करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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