बिहार में मुस्लिम उप-मुख्यमंत्री? कांग्रेस की मांग से खलबली!

बिहार में मुस्लिम उप-मुख्यमंत्री? कांग्रेस की मांग से खलबली!

Muslim Deputy Chief Minister in Bihar? Congress' demand creates panic!

बिहार में सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल से तकरार के बीच कांग्रेस के नेता शहनवाज आलम ने बुधवार (11 दिसंबर) को कहा कि उनकी पार्टी चाहेगी कि राज्य में महागठबंधन की सरकार बनने पर उसके दो उपमुख्यमंत्री बनाए जाएं, जिनमें से एक मुसलमान हो। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सचिव और राज्य के सह पार्टी प्रभारी आलम के इस बयान पर राजद ने आपत्ति जताई।

फिलहाल राज्य का दौरा कर रहे आलम ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित करते हुए कहा, “हमारा संकल्प है कि अगर तेजस्वी यादव के नेतृत्व में अगली सरकार बनती है, तो हमारी पार्टी से दो उपमुख्यमंत्री बनने चाहिए, जिसमें से एक मुस्लिम और दूसरा उच्च जातियों से होना चाहिए।”

आलम के बयान को खोया हुआ जनाधार वापस पाने की कांग्रेस की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमे दलित, मुसलमान और उच्च जाति वर्ग शामिल हैं। हालांकि, यह बात राजद को पसंद नहीं आरही है, जिसे कांग्रेस का मुस्लिम जनाधार खिसकने से फायदा हुआ है। पार्टी आलम की हालिया टिप्पणी से विशेष रूप से नाराज है कि विधानसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे के फार्मूले को अंतिम रूप देते समय “लोकसभा चुनाव के स्ट्राइक रेट” पर विचार किया जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें:

Pune: सिर्फ 500 रुपये में आधार कार्ड बनवा लिया, एक दशक से ज़्यादा समय तक भारत में बिना पकड़े रहा

संभल हिंसा: सांसद जिया उर रहमान बर्क के मोहल्ले में पुलिस की छापेमारी, महबर और ताजवर के घर से बंदूकें बरामद

संविधान की प्रति का विरूपण…

लोकसभा के चुनावों में कांग्रेस ने नौ सीटों पर चुनाव लड़कर केवल तीन सीट जीती थीं, जबकि राजद ने 23 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उसे केवल चार सीट पर जीत मिली, जिसके बाद कांग्रेस अपने प्रदर्शन को राजद से बेहतर बता रही है। आलम के आक्रामक रुख से तेजस्वी यादव के पिता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद नाराज दिखाई दिए और उन्होंने ‘इंडिया’ गठबंधन के नेतृत्व के दावे को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन किया है।

इस बीच, जनता दल (यूनाइटेड) के विधान परिषद सदस्य खालिद अनवर ने मुसलमानों तक पहुंच बनाने के आलम के दावों को खारिज करते हुए कहा, “समुदाय यह नहीं भूल सकता कि कांग्रेस के शासन में ही मेरठ, भागलपुर और जबलपुर में दंगे हुए थे। गुलाम नबी आजाद जैसे वरिष्ठ नेताओं को पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। बिहार में हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनावों में मुसलमानों का रूझान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राजग की ओर दिखा है।”

Exit mobile version