ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) पर निशाना साधते हुए कहा कि यह संगठन अपने मूल उद्देश्य से भटक चुका है और अब इसे राजनीतिक लोगों ने हाईजैक कर लिया है।
रजवी ने सोमवार (17 मार्च) को अपने बयान में कहा कि जब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की स्थापना हुई थी, तब इसका उद्देश्य इस्लामी कानूनों की रक्षा और मुस्लिम समाज में व्याप्त बुराइयों को खत्म करना था। लेकिन अब यह संगठन अपनी राह से भटक गया है और राजनीतिक दलों के प्रभाव में आ गया है।
शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि पहले मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को कोई पद नहीं दिया जाता था, लेकिन अब इसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, सांसद और पदाधिकारी शामिल हो गए हैं। उन्होंने सपा, कांग्रेस और एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का नाम लेते हुए कहा कि ये सभी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य हैं, जिससे यह संगठन अपने मूल धार्मिक और सामाजिक कार्यों से दूर हो गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बोर्ड अब केवल राजनीतिक एजेंडे के लिए काम कर रहा है, जिससे मुस्लिम समाज का वास्तविक भला नहीं हो रहा है। “अब यह संगठन पूरी तरह राजनीतिक हो गया है और यह मुस्लिम समुदाय के हितों के लिए घातक साबित हो सकता है,” उन्होंने कहा।
गौरतलब है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड 17 मार्च को दिल्ली के जंतर-मंतर पर वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ धरना कर रहा है। इस प्रदर्शन में विभिन्न मुस्लिम संगठनों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावा विपक्षी दलों के कई सांसदों को भी आमंत्रित किया गया है। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने इस मुद्दे पर कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पहले ही समिति के समक्ष अपनी चिंताएं जाहिर कर दी थीं और इन बिंदुओं पर रिपोर्ट में विचार किया गया है।
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इस विवाद के बीच मुस्लिम समाज के एक बड़े वर्ग का मानना है कि पर्सनल लॉ बोर्ड को अपनी मूल भूमिका में लौटना चाहिए और राजनीतिक दलों के प्रभाव से बचना चाहिए।