यूसीसी यानी समान नागरिक संहिता को लेकर भारत में आजकल खूब शोर मच रहा है। इस बीच एक सर्वे सामने आया है, जिसमें यह सामने आया है कि मुस्लिम महिलाएं यूसीसी के समर्थन में हैं। मुस्लिम महिलाएं शादी और तलाक को लेकर एकरूपता चाहती हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि अगर यूसीसी लागू होता है तो मुस्लिम पर्सनल लॉ खत्म हो जाएगा। कहा जा सकता है कि एक तरह से मुस्लिम पर्सनल लॉ की जगह लेगा। जिसका मुस्लिम संगठन विरोध कर रहे हैं। हालांकि यूसीसी कब लागू होगा यह अभी कहना मुश्किल है।
इस सर्वे में 18 से 65 साल की मुस्लिम महिलाओं को शामिल किया गया था। यह सर्वे न्यूज़ 18 द्वारा कराया गया। इसमें 25 राज्य और केंद्र शासित राज्यों की पांच हजार 403 मुस्लिम महिलाएं शामिल हुई ने यूसीसी के पक्ष जवाब दिया। इनका प्रतिशत 67 रहा, जबकि 25.4 प्रतिशत मुस्लिम महिलाओं ने यूसीसी लागू नहीं किये जाने के पक्ष में थी। इन महिलाओं की संख्या 2039 थी। वहीं, मात्र 593 मुस्लिम महिलाएं ने कोई जवाब नहीं दिया।
सर्वे के अनुसार, 73.1 प्रतिशत सुन्नी समाज की मुस्लिम महिलाएं शामिल हुई थी। जबकि 13. 3 फीसदी शिया समाज की महिलाएं मौजूद रहीं। जबकि 13.6 प्रतिशत मुस्लिम महिलाएं अन्य समाज की थी। बता दें कि पिछले दिनों पीएम मोदी ने भोपाल में यूसीसी पर बयान दिया था। जिसमें उन्होंने विपक्ष पर बरसते हुए कहा था कि इस संबंध में लोगों में अफवाह फैलाई रही है।इसके कुछ समय बाद मंत्रियों का एक ग्रुप बनाया गया जो अलग अलग मुद्दों पर विचार विमर्श करेगा। जिसमें किरेन रिजिजू, स्मृति ईरानी, अर्जुन राम मेघवाल आदि शामिल हैं।
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