‘दिल्ली’ (भाजपा मुख्यालय) से नैरेटिव सेट होता है, जिसे महाराष्ट्र में लागू किया जाता है। मेरा मानना है कि इस हिंसा के पीछे एक पृष्ठभूमि है, जिसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से लेकर महाराष्ट्र कैबिनेट में शामिल मंत्रियों ने बयानबाजी की है, जो भड़काऊ है।”
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र सरकार बहुमत के साथ सत्ता में वापस आई है। उनसे उम्मीद है कि वे महाराष्ट्र के हित में बात करेंगे, लेकिन उन्होंने राज्य को आग में झोंका है। वह (सरकार) ध्यान भटकाने का काम कर रही है और जनता को उकसा रही है।
भाजपा की राजनीति है कि ध्रुवीकरण हो और अपना वोट बटोरें। अगर यह हिंसा सुनियोजित थी तो राज्य के मुख्यमंत्री चुप क्यों बैठे थे? वे सभी इसी राजनीति से पनपे हैं और इसी राजनीति से जीते हैं। मुझे लगता है कि यह घटना महाराष्ट्र के लिए शर्मनाक है।”
शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने राज्य सरकार में मंत्री नितेश राणे पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री के संरक्षण में आग भड़काने का काम किया है। हाल ही में मुख्यमंत्री दिल्ली भी आए, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री से भी कोई बात नहीं की। उन्हें यह एजेंडा भाता है, ताकि आग भड़कती रहे।
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “संसद में नागपुर हिंसा का मामला उठाया जाएगा। राज्य में एक चुनी हुई सरकार है, लेकिन कल (सोमवार) की घटना यह बताती है कि वे सक्षम नहीं हैं और महाराष्ट्र के खिलाफ काम कर रहे हैं।”
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