नरेंद्र मोदी: हमारे लिए छत्रपति शिवजी महाराज आराध्य देवता है, में उनके चरणों में मस्तक रखकर माफ़ी मांगता हूं!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाराष्ट्र में दाखिल होने के साथ ही विरोधकों ने उन्हें भी घेरने की पूरी योजना बना रखी थी। 

नरेंद्र मोदी: हमारे लिए छत्रपति शिवजी महाराज आराध्य देवता है, में उनके चरणों में मस्तक रखकर माफ़ी मांगता हूं!

Narendra Modi: For us Chhatrapati Shivji Maharaj is a worshipable deity, I bow my head at his feet and apologize!

शुक्रवार (30 अगस्त) के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र में वाढवण पोर्ट के शिलान्यास के लिए आए थे, इसी वक्त उन्होंने छत्रपती शिवजी महाराज की मूर्ति की दुर्घटना पर माफ़ी मांगी है। साथ ही उन्होंने बताया है की छत्रपती शिवाजी महाराज उनके लिए केवल एक राजा नहीं है, बल्कि आराध्य भी है।

बीते दिनों सिंधुदुर्ग के राजकोट किले पर स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ती तेज हवा से ढह गई, जिसके बाद महाराष्ट्र में विरोधियों ने इस मुद्दे को पकड़ कर जम कर राजनीती की। इस वाकिए के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी माफ़ी मांगी है। मूर्ति के ढहने के बाद शासन ने ठेकेदार जयदीप आपटे और सलाहगार दो चेतन पाटील पर सदोष मनुष्यवध का आरोप लगते हुए गुनाह दाखिल किया है। जिसके बाद दोनों भी फरार हो चुके थे। हालाँकि चार दिन तक कोल्हापुर में रुकी सिंधुदुर्ग पुलिस ने मेसर्स आर्टिस्ट्री कंपनी के सलाहगार चेतन पाटिल को गिरफ्तार कर लिया है।

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महाराष्ट्र में छत्रपति की मूर्ति गिरने से आए सियासी भूचाल रुकने का नाम नहीं ले रहा था। साथ ही विरोधकों ने पोस्टरबाजी और सोशल मीडिया पर दोषारोपण का कैम्पेन शुरू किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाराष्ट्र में दाखिल होने के साथ ही विरोधकों ने उन्हें भी घेरने की पूरी योजना बना रखी थी।

दरम्यान महाराष्ट्र के लोगों संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने शिवाजी महाराज उनके लिए क्या मायने रखे है बताया है। उन्होंने कहा, “सिंधुदुर्ग में जो घटना हुई उससे में आहात हूं, वो उस मूर्ति का लोकार्पण हमने ही किया था। हमारे लिए छत्रपती शिवाजी महाराज केवल राजा नहीं है, मेरे लिए, मेरे सभी साथियो के लिए, छत्रपति शिवजी महाराज यह सिर्फ नाम नहीं है वो हमारे लिए सिर्फ राजा, महाराजा या राजपुरुष नहीं है, वो हमारे लिए आराध्य देव है। और में आज सर झुका कर मेरे आराध्य देव छत्रपति शिवजी महाराज के चरणों में मस्तक रख कर माफ़ी मांगता हूं।

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