एफआईआर संख्या 0124/2025 के तहत कुल नौ आरोपी बनाए गए हैं, जिनमें छह व्यक्ति और तीन कंपनियां शामिल हैं। यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की 3 अक्टूबर 2025 की शिकायत पर आधारित है, जिसमें पीएमएलए की धारा 66(2) के तहत अनुसूचित अपराध दर्ज करने का निर्देश दिया गया था।
एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार की प्रकाशक कंपनी है, जो 2008 में वित्तीय संकट के कारण बंद हो गया था। उस समय एजेएल पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का 90.21 करोड़ रुपए का ब्याज रहित ऋण बकाया था।
ईडी की जांच रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि यंग इंडियन को ‘स्पेशल पर्पस व्हीकल’ के रूप में बनाया गया, जो सार्वजनिक धन को निजी हितों में बदलने का माध्यम बना।
एजेएल ने अपना बकाया ऋण 10 रुपए अंक मूल्य वाले 9.02 करोड़ इक्विटी शेयरों में बदल दिया, जिससे एआईसीसी के दानदाताओं और शेयरधारकों को ठगा गया। इसके अलावा कोलकाता की कथित शेल कंपनी डॉटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड ने यंग इंडियन को 1 करोड़ रुपए का हस्तांतरण किया, जो साजिश का हिस्सा माना जा रहा है।
ईडी ने 9 अप्रैल 2025 को राऊज एवेन्यू कोर्ट में अभियोजन शिकायत दायर की थी, जिसमें धारा 3 और 4 के तहत धन शोधन का आरोप लगाया गया। अदालत ने अभी संज्ञान लेने पर फैसला सुरक्षित रखा है।
एफआईआर में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और सुनील भंडारी को आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा तीन कंपनियों- यंग इंडियन, डॉटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है।
इसके अलावा पूर्व कांग्रेस नेता मोतीलाल वोहरा और ऑस्कर फर्नांडिस का नाम भी जांच में आया था, लेकिन उनकी मृत्यु के कारण वे अब आरोपी नहीं हैं।



