राष्ट्रवादी कांग्रेस नेता छगन भुजबल अपने 75वें जन्मदिन के मौके पर हिन्दू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे को लेकर कुछ बातों को साझा किया| इस मौके पर उन्होंने शिवसेना की कई यादें ताजा कीं| उन्होंने मौजूदा राजनीतिक हालात पर भी टिप्पणी की। इस बीच शिवसेना छोड़ने या बालासाहेब को गिरफ्तार करने का पछतावा है? को लेकर भी खुलकर मीडिया से बातचीत किया|
राष्ट्रवादी कांग्रेस की स्थापना के समय शिवाजी पार्क में हुई बैठक में जनता से वादा किया गया था कि हम श्रीकृष्ण आयोग की स्थापना करेंगे। मैं उस सरकार में गृह मंत्री था। गौरतलब है कि पिछली सरकार ने सारी फाइलें बंद कर दी थीं। लेकिन, एक दिन अचानक मेरी मेज पर एक रिपोर्ट आ गई।
शिवसेना छोड़ने के अलग-अलग कारण थे। मैं विधानसभा में विधायक था जब वसंतदादा पाटील मुख्यमंत्री थे। हम घोषणा कर रहे थे कि बोर्ड आयोग की घोषणा की जानी चाहिए। वीपी सिंह द्वारा मंडल आयोग की घोषणा के बाद बालासाहेब ने उनका विरोध किया। बालासाहेब का मत था कि जाति के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए। हालांकि, मैंने उस समय खानाबदोश जातियों के मार्च में भाग लिया था। इस बीच जब मैं कांग्रेस में शामिल हुआ। तब बालासाहेब ने मुझे ‘लखोबा लोखंडे’ कहकर संबोधित किया।
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