प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने खुदरा मुद्रास्फीति के मोर्चे पर यूपीए सरकार की तुलना में कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है—यह दावा किया है भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने, जिन्होंने बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए यह बात सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा की।
मालवीय ने कहा कि अप्रैल 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 3.16 प्रतिशत पर आ गई, जो पिछले छह वर्षों में सबसे न्यूनतम स्तर है। इससे पहले वित्त वर्ष 2024-25 में यह औसतन 4.6 प्रतिशत रही थी, जो 2018-19 के बाद सबसे कम रही और लगातार तीन वर्षों से गिरावट के ट्रेंड को दर्शाती है।
उन्होंने यूपीए सरकार की तुलना में एनडीए सरकार की मुद्रास्फीति नियंत्रण नीति की सराहना करते हुए कहा, “यूपीए सरकार के दौरान देखी गई दोहरे अंकों की मुद्रास्फीति अब इतिहास की बात हो गई है। यह बदलाव पिछले एक दशक में प्रभावी शासन और मूल्य नियंत्रण के जरिये आया है।”
मालवीय ने बताया कि 2004 से 2014 के यूपीए कार्यकाल के दौरान औसतन खुदरा मुद्रास्फीति 8.1 प्रतिशत और 2009 से 2014 के बीच 10.4 प्रतिशत रही थी। इसके विपरीत, 2014 के बाद से यह कभी भी 8 प्रतिशत के पार नहीं गई। विशेष रूप से जनवरी 2012 से अप्रैल 2014 के बीच 28 महीनों में से 22 महीने मुद्रास्फीति 9 प्रतिशत से ऊपर रही थी, जिसमें से 9 बार यह दोहरे अंकों में दर्ज की गई।
एनडीए सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं और नीतियों का उल्लेख करते हुए मालवीय ने कहा कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना, जिसमें 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है, मुद्रास्फीति नियंत्रण की रीढ़ रही है। इसे 2029 तक बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही, ‘भारत’ ब्रांड के अंतर्गत एनएएफईडी, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार के माध्यम से सस्ती दरों पर अनाज और दालों की खुदरा बिक्री की जा रही है।
दालों की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष (PSF) के अंतर्गत एक गतिशील बफर स्टॉक बनाया गया है, जिससे बाजार में जरूरत के अनुसार स्टॉक जारी किया जाता है। गेहूं और चावल की ओपन मार्केट सेल स्कीम भी खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से लागू की जा रही है।
ईंधन क्षेत्र में भी सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत दी है। पीएम उज्ज्वला योजना के तहत और नियमित ग्राहकों दोनों को लाभ पहुंचाने के लिए 14.2 किलोग्राम एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 100 रुपए की कटौती की गई है, जो 9 मार्च 2024 से लागू है।कुल मिलाकर, खुदरा महंगाई पर यह आंकड़े न सिर्फ एनडीए की आर्थिक रणनीति की मजबूती दर्शाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि जनहित में लिए गए फैसले जमीनी स्तर पर असर दिखा रहे हैं।
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