केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार (2 दिसंबर) को एक बड़ा राजनीतिक बयान देते हुए खुलासा किया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए सार्वजनिक धन का उपयोग करने की योजना बनाई थी, लेकिन सरदार वल्लभभाई पटेल ने इस कदम को रोक दिया। राजनाथ सिंह गुजरात में सरदार पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित ‘यूनिटी मार्च’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, “पंडित जवाहरलाल नेहरू बाबरी मस्जिद को जनता के पैसों से बनवाना चाहते थे। अगर किसी ने इसका विरोध किया, तो वह सरदार पटेल थे। उन्होंने सरकारी धन से मस्जिद निर्माण की अनुमति नहीं दी।”
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि जब नेहरू ने गुजरात में सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का मुद्दा उठाया, तो सरदार पटेल ने स्पष्ट किया कि मंदिर का मामला अलग है, क्योंकि इसके लिए आवश्यक 30 लाख रुपये जनता के दान से जुटाए गए थे। उन्होंने कहा, “सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण पर सरकार का एक रुपये भी खर्च नहीं हुआ। इसी तरह, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर भी सरकार ने कोई पैसा नहीं दिया, पूरा खर्च जनता ने उठाया। यही वास्तविक धर्मनिरपेक्षता है।”
"Pandit Jawaharlal Nehru wanted to build the Babri Masjid using public funds.
If anyone opposed this proposal; it was Sardar Vallabhbhai Patel."
– Defence Minister Rajnath Singh at Sardar@150 Unity March in Vadodara pic.twitter.com/ajEwsmpBFf
— News Arena India (@NewsArenaIndia) December 2, 2025
राजनाथ सिंह ने 1946 में कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव का भी उल्लेख किया। उनका दावा था कि अधिकांश सदस्यों ने उस समय सरदार पटेल का नाम प्रस्तावित किया था, लेकिन महात्मा गांधी के आग्रह पर उन्होंने नाम वापस ले लिया, जिससे नेहरू को अध्यक्ष बनाया जा सका। सिंह ने कहा,“गांधीजी ने पटेल से नेहरू को अध्यक्ष बनने देने का आग्रह किया। पटेल ने तुरंत अपना नाम वापस ले लिया।”
कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार का नाम लिए बिना राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ राजनीतिक शक्तियों ने वर्षों तक पटेल की विरासत को कमतर दिखाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका ने पटेल को इतिहास में उनका उचित स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। रक्षा मंत्री के इन दावों ने नेहरू, पटेल और बाबरी मस्जिद विवाद के ऐतिहासिक संदर्भों को लेकर एक नई राजनीतिक बहस खड़ी कर दी है।
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